जो उद्दण्ड व्यक्ति निरपराधियों को सता कर अपराध करता है, वह मेरे द्वारा उखाड़ फेंका जायेगा, चाहे वह बाजूबंद तथा अन्य अलंकारों से युक्त स्वर्ग का निवासी ही क्यों न हो।
जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो, वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनके उपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो। -- महाभारत
अपराधानुरूपो दण्डः। -- चाणक्य (अर्थशास्त्र में)
अपराध के अनुरूप ही दंड देना चाहिये।
कपट वचन अपराध तैं, निपट अधिक दुखदानि।
जरे अंग में संकु ज्यौं, होत विथा की खानि॥ -- मतिराम
कपट वचन बोलना अपराध से भी अधिक दुखदायी है। वे कपट वचन तो जले हुए अंग में मानो कील चुभाने के समान अधिक दुःखदायक और असत्य प्रतीत होते हैं।
समर शेष है , नहीं पाप का भागी केवल व्याध ।
जो तटस्थ हैं , समय लिखेगा उनके भी अपराध ॥ -- ' रामधारी सिंह 'दिनकर'
सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है। -- स्वामी विवेकानन्द
अपराध करने के बाद भय उत्पन्न होता है और यही उसका दंड है। -- वाल्टेयर
अपराध करने वाले बड़े अन्धविश्वासी होते हैं। -- बैटमैन (१९३९)