• न हि कश्चिद् आचारः सर्वहितः संप्रवर्तते । -- महाभारत
ऐसा कोई भी नियम नहीं हो सकता जो सभी के लिए हितकर हो।
  • न राज्यं न च राजासीत् न दण्डो न च दाण्डिकः ।
स्वयमेव प्रजाः सर्वा रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥ -- महाभारत, शान्तिपर्व
न राज्य था और ना राजा था , न दण्ड था और न दण्ड देने वाला ।स्वयं सारी प्रजा ही एक-दूसरे की रक्षा करती थी ।
  • अपवाद के बिना कोई भी नियम लाभकर नहीं होता। -- थामस फुलर
  • थोडा-बहुत अन्याय किये बिना कोई भी महान कार्य नहीं किया जा सकता। -- लुइस दी उलोआ
  • लोकतंत्र – जहाँ धनवान, नियम पर शाशन करते हैं और नियम, निर्धनों पर।
  • सभी वास्तविक राज्य भ्रष्ट होते हैं। अच्छे लोगों को चाहिये कि नियमों का पालन बहुत कड़ाई से न करें। -- इमर्शन
  • कानून चाहे कितना ही आदरणीय क्यों न हो, वह गोल को चौकोर नहीं कह सकता। -- फिदेल कास्त्रो
  • मादक दवाओं (ड्रग्स) से कभी कोई समस्या नहीं हुई। मुझे पुलिस से समस्या है। -- कीथ रिचर्ड्स
  • मनुष्य पाप करता है और व्यवस्था न्याय देता है; कानून पाप करता है और शैतान पुरस्कार देता है। -- जेम्स लेंडल बासफोर्ड (1845-1915), सेवेन सटर सेवन सेंसेशन, 1897
  • कानून मकड़ी के जाले की तरह होते हैं। वे छोटी रुकावट को पकड़ सकते हैं, लेकिन तैयों और सींगों को आने देते हैं। -- जोनाथन स्विफ्ट, द फैकल्टीज ऑफ द माइंड पर एक क्रिटिकल एसे, 1707

इन्हें भी देखें

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