परोपकार
(उपकार से अनुप्रेषित)
- अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयम् ।
- परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम् ॥
- अर्थ : अट्ठारह पुराणों में व्यास जी ने केवल दो बात कही है, दूसरे का उपकार करने से पुण्य मिलता है और दूसरे को पीड़ा देने से पाप।
- पिबन्ति नद्यः स्वमेय नोदकं
- स्वयं न खादन्ति फलानि वृक्षाः ।
- धाराधरो वर्षति नात्महेतवे
- परोपकाराय सतां विभूतयः ॥
- अर्थ : नदियाँ स्वयं अपना पानी नहीं पीती हैं। वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं। बादल अपने लिये वर्षा नहीं करते हैं। सन्तों का का धन परोपकार के लिये होता है।
- श्रोत्रं श्रुतेनैव न कुण्डलेन
- दानेन पाणिर्न तु कङ्कणेन।
- विभाति कायः करुणापराणां
- परोपकारैर्न तु चन्दनेन ॥ -- भर्तृहरि, नीतिशतक में
- कानों की शोभा कुण्डलों से नहीं अपितु ज्ञान की बातें सुनने से होती है । हाथ दान करने से सुशोभित होते हैं न कि कंगन से । दयालु / सज्जन व्यक्तियों का शरीर चन्दन से नहीं बल्कि दूसरों का हित करने से शोभा पाता है ।
- परहित सरसि धरम नहि भाई । -- गो. तुलसीदास
- जिसने कुछ एसहाँ किया , एक बोझ हम पर रख दिया ।
- सर से तिनका क्या उतारा , सर पर छप्पर रख दिया ॥ --चकबस्त
- समाज के हित में अपना हित है। -- श्रीराम शर्मा आचार्य
- जिस हरे-भरे वृक्ष की छाया का आश्रय लेकर रहा जाए, पहले उपकारों का ध्यान रखकर उसके एक पत्ते से भी द्रोह नहीं करना चाहिए। -- महाभारत
- नेकी कर और दरिया में डाल -- किस्सा हातिमताई
- जिनके हृदय में सदैव परोपकार की भावना रहती है, उनकी आपदाएं समाप्त हो जाती हिं और पग-पग पर धन की प्राप्ति होती हैं। -- चाणक्य
- भलाई करने के बाद यह अहसास होना कि ‘भला किया’, बुरा करने की तैयारी हुआ करती हैं। -- वेदान्त तीर्थ
- जिसमें उपकार वृत्ति नहीं, वह मनुष्य कहलाने का अधिकारी नहीं। -- महात्मा गांधी
- जो मनुष्य भलाई के बदले में बुराई करता हैं, उसके घर में बुराई सदैव निवास करती हैं। -- नीतिवचन
- जो दूसरों की बुराई करते है, वे खुद निंदित होते हैं। -- ऋग्वेद
- मनुष्य जब संसार से जाता हैं तो भलाई या बुराई ही साथ ले जाता हैं। -- कबीर
- आदमी को चाहिए कि बुराई के बजाए भलाई का रास्ता अपनाएं. भलाई करने वाले लोग लोक व परलोक दोनों में ही सुख से रहते हैं। -- बुद्ध
- यदि शत्रु से सुलह करना चाहते हो, तो बुराई का जवाब भी भलाई से दें। -- शेख सादी
- जैसे एक छोटे से दीप का प्रकाश बहुत दूर तक फैलता है, उसी तरह इस बुरी दुनिया में भलाई बहुत दूर तक चमकती हैं। -- शेक्सपीयर
- मनुष्य ईश्वर के समीप जितनी शीघ्रता से भलाई करके पंहुचता है, उतना अन्य किसी कर्म से नहीं। -- सिसरो
- भलाई की राह भय से पूर्ण है किन्तु फल अत्युत्तम है। -- अज्ञात
- भले बनकर तुम दूसरों की भलाई का कारण बन जाते हो। -- सुकरात
- भली बातें कड़वी होती है, किन्तु उसके कड़वेपन का स्वागत करना चाहिए. क्योंकि उनमें भलाई निवास करती हैं। -- भर्तृहरि
- जो मनुष्य जगत की जितनी भलाई करेगा, उसको इश्व्र्की व्यवस्था में उतना ही सुख प्राप्त होगा। -- दयानन्द सरस्वती
- भगवान तुम्हारे पदक, डिग्री या सर्टिफिकेट से नहीं जांचेगा अपितु उन जख्मों के निशानों से जांचेगा जो तुम्हारे शरीर पर भलाई के लिए बने। -- एलबर्ट हुब्बर्ड्स
- जो मेरे साथ भलाई करता है, वह मुझे भला होना सिखा देता हैं। -- फुलर
- जो भलाई करने का सदा प्रयत्न करता है, वह मनुष्य और परमेश्वर, दोनों की कृपा प्राप्त करता है. पर जो बुराई की तलाश में रहता है, उसको बुराई ही मिलती हैं। -- नीतिवचन
- दुर्जनों के साथ की गई भलाई सज्जनों के साथ की गई बुराई के समान हैं। -- शेख सादी
- भलाई जितनी अधिक की जाती है उतनी ही अधिक फैलती हैं। -- मिल्टन
- जगत में भलाई ही रह जाती हैं, इसके अतिरिक्त सब बस्तुएं नष्ट हो जाती हैं। -- जापानी लोकोक्ति
- जो भलाई से प्रेम करता हैं, वह देवताओं की पूजा करता है, जो आदरणीयों का सम्मान करता है, वह ईश्वर के पास रहता हैं। -- इमर्सन
- दया के सम्मुख जैसे दुष्टता का नाश हो जाता हैं, वैसे ही प्रेम और उदार सहानुभूति के सम्मुख बुरे मनोविकारों का नाश हो जाता हैं। -- स्वेट मार्डेन
- सच्चा मनुष्य वह है जो बुराई का बदला भलाई से दे। -- गुरूवर राजन श्री
- वह भावना जो कभी शांत न होकर उत्तेजना के रथ पर सवार रहे, उसमें जूते घोड़े ईर्ष्या के होते हैं। -- सैमुअल जॉनसन
- आपके भीतर सुगंध बढ़ती जाएगी, जैसे-जैसे आप सुख और आनन्द के इत्र दूसरों पर छिड़कते जायेंगे। -- इमर्सन