सरकार
गणराज्य का
(सुराज से अनुप्रेषित)
- अर्क जवास पात बिनु भयऊ। जस सुराज खल उद्यम गयऊ॥
- खोजत कतहुँ मिलइ नहिं धूरी। करइ क्रोध जिमि धरमहि दूरी॥ -- तुलसीदास
- राम बास बन संपति भ्राजा । सुखी प्रजा जनु पाइ सुराजा॥
- सचिव बिरागु बिबेकु नरेसू। बिपिन सुहावन पावन देसू॥ -- तुलसीदास
- श्री रामचंद्रजी के निवास से वन की सम्पत्ति ऐसी सुशोभित है मानो अच्छे राजा को पाकर प्रजा सुखी हो। सुहावना वन ही पवित्र देश है। विवेक उसका राजा है और वैराग्य मंत्री है।
- सबसे अच्छी सरकार वही है जो हमें स्वयं अपने ऊपर शासन करना सिखाती है। -- गेटे
- वही सरकार सर्वश्रेष्ठ है जो सबसे कम शासन करती है। -- हेनरी डेविड थोरो