तर्क

paribhasha- tarkshastra shabd ko liya jaye to uski paribhasha tark ke shastra athva vigyan se ki jati hai
(तर्कशास्त्र से अनुप्रेषित)
  • प्रमाण-प्रमेय-संशय-प्रयोजन-दृष्टान्त-सिद्धान्तावयव-तर्क-निर्णय-वाद-जल्प-वितण्डाहेत्वाभास-च्छल-जाति-निग्रहस्थानानाम्तत्त्वज्ञानात् निःश्रेयसाधिगमः । -- अक्षपाद गौतम, न्यायसूत्र में
प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अयवय, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान के तत्वज्ञान से निःश्रेयस (मोक्ष/कल्याण) की प्राप्ति होती है।
  • बोधरोधः शमापायः श्रद्धाभंगोऽभिमानकृत्।
कुतर्को मानसो व्याधिर्ध्यानशत्रुरनेकधा।।
कुतकैऽभिनिवेशोऽतो न युक्तो मुक्तिकांक्षिणाम्।
आत्मतत्त्वे पुनर्युक्त: सिद्धिसौधप्रवेशके।। -- आचार्य अमितगति
कुतर्क ज्ञान को रोकने वाला, शान्ति का विनाशक, श्रद्धा को भंग करने वाला और अभिमान को बढ़ाने वाला मानसिक रोग है, जो कि अनेक प्रकार से ध्यान का शत्रु सिद्ध होता है, अतः मोक्षाभिलाषियों को कुतर्क में अपना मन नहीं लगाना चाहिए।
  • तर्क एक उत्पादक चिन्तन है जिसमें पहले के अनुभव किसी समस्या को हल करने के लिए नए ढंगों से संगठित या संयोजित किये जाते हैं। -- प्रो० गेट्स और अन्य
  • तर्क की क्रिया एक सम्बद्ध किया है जिसमें एक या दूसरे प्रकार के प्रतीकों का हस्तवन शामिल होता है। -- प्रो० क्रूज़
  • तर्क तथ्यों या घटनाओं में सम्बन्धों के अनुमान, साक्ष्यों के तोलन और मूल्यांकन और तार्किक निष्कर्ष पर पहुँचने की मानसिक प्रक्रिया है। -- प्रो० गुड
  • तर्क विचारात्मक चिन्तन है। -- प्रो० डीवी
  • तर्क चिन्तन की एक प्रक्रिया जिसमें अनुमान शामिल हो; या सामान्य सिद्धान्तों का प्रयोग करते हुए समस्या हल करने की प्रक्रिया। -- प्रो० ड्रेवर

इन्हें भी देखें

सम्पादन