आत्मनिर्भरता
(स्वावलम्बन से अनुप्रेषित)
आत्मनिर्भरता या स्वावलम्बन का अर्थ है, किसी वस्तु या सेवा के लिये दूसरे पर निर्भर न होना। जो अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है, वह आत्मनिर्भर है।
उक्तियाँ
सम्पादन- आत्मनिर्भर होने से मनोरोगों का नाश हो जाता है। मन में उत्पन्न नवीन विचारों को मूर्तरूप देने से मनोबल बढ़ता है। देेशवासियों के लिए स्वदेशी का उपयोग पहली प्राथमिकता होना चाहिए। यह देश के सम्मान हेतु बहुत जरूरी है। -- मदन मोहन मालवीय
- देश का उपजा खाएंगे या भूखे मर जायेंगे। -- लालबहादुर शास्त्री
- आदमी की आत्मा जब आत्मचिंतन करने लगती है बस, उसी क्षण से आत्मनिर्भरता आरम्भ हो जाती है। दूसरों के भरोसे रहने से आत्महीनता का अनुभव होता है। -- लोकनायक जयप्रकाश नारायण
- आज हम स्वतन्त्र देश के निवासी हैं लेकिन बहु सी वस्तुओं पर हम अभी पराधीन ही हैं। स्वयं गाओ-गुनगुनाओ, खुद ही अपना उत्सव मनाओ ! न सागर तुम पर धावा बोलेगा और न हीं वृक्ष आप पर हमला करेंगे। ज्यादा बरसात भी मात्र रात में भयभीत करती है। आत्मनिर्भर बनो ! देश का नवनिर्माण करो। -- दीनदयाल उपाध्याय
- भारत को हर हाल में आत्मनिर्भर बनाना है। हमें डरना किससे है। बाहरी कोई दुश्मन है ही नहीं। उठो जागो और तब, तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता। -- स्वामी विवेकानन्द
- आत्मनिर्भरता अनूठा आनन्द है। उन्नति के लिए स्वयं को सदैव ऊर्जावान बनाओ। -- रवींद्रनाथ टैगोर
- मेरी सफलता का राज़ मेरी महत्वाकांक्षा और अन्य पुरुषों का मन जानना है। सही उद्यमशीलता जोखिम लेने और आत्मनिर्भरता से ही आता है। -- >धीरूभाई अम्बानी
- अच्छे चरित्र का निर्माण हजारो बार ठोकर खाने के बाद और आत्मनिर्भर होने पर ही हो पाता है आत्मनिर्भरता और अहंकार दोनो ही तुम्हारा सुरक्षा कवच है। -- ओशो