सत्य का अर्थ है, वास्तविकता। जो सन्देह, अज्ञान या भ्रम से परे हो।

उद्धरण

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  • सत्यं ब्रह्म ।
सत्य ही ब्रह्म है।
  • सत्यमेवेश्वरो लोके सत्यं पद्माश्रिता सदा।
सत्यमूलानि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम्॥ -- वाल्मीकि रामायण
संसार में सत्य ही ईश्वर है। सत्य ही लक्ष्मी (= धन-धान्य) का निवास है। सत्य ही सभी (अच्छाइयों) का मूल है। संसार में सत्य से बढ़कर और कोई परम पद नहीं है।
  • सत्यमेव परं मित्रं स्वीकृते सति मानवे ।
सत्यमेव परं शत्रुः धिक्कृते सति मानवे ।।
हम सत्य को स्वीकार करते है तो सत्य हमारा सबसे श्रेष्ठ मित्र बन जाता है। लेकिन अगर हम सत्य का स्वीकार न करके धिक्कारते है, तो जीवन में आगे चलकर वही सत्य हमारे लिए परं शत्रु बन जाता है।
  • नास्ति सत्यात् परो धर्मो नानृतात् पातकं परम् ।
अतः सर्वेषु कार्येषु सत्यमेव विशिष्यते ॥ -- महाभारत, आदि पर्व में शकुन्तला का कथन
सत्य से बढ़कर धर्म और असत्य से बढ़कर दूसरा कोई पाप नहीं है। अतः सभी कार्यों में सत्य को ही श्रेष्ठ माना गया है।
  • सत्यस्य वचनं श्रेयः सत्यादपि हितं वदेत्।
यद्भूतहितमत्यन्तं एतत् सत्यं मतं मम्॥ -- महाभारत, शान्ति पर्व
सत्य बोलना श्रेयस्कर है तथापि उस सत्य को ही बोलना चाहिए जो हितकर हो। मैं (अर्थात् श्लोककर्ता नारद) उसी को सत्य कहता हूँ जो सभी प्राणियों के लिये अत्यन्त हितकर हो।
  • सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत्सत्यस्य परमं निधानम्॥ -- मुण्डकोपनिषद्
सत्य की ही विजय होती है असत्य की नहीं ; 'सत्य' के द्वारा ही देवों का यात्रा-पथ विस्तीर्ण हुआ, जिसके द्वारा आप्तकाम ऋषिगण वहां आरोहण करते हैं जहाँ 'सत्य' का परम धाम है।
  • हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्।
तत्त्वं पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये॥ -- ईशोपनिषद्
सत्य का मुख स्वर्ण के पात्र से ढका हुआ है। हे पूषन् ! उस सत्यधर्म के दिखाई देने के लिए तू उस आवरण को हटा दे। (इन भौतिक पदार्थों की चकाचौंध ने मनुष्य की आँख से सत्य को ओझल कर दिया है। भक्त सत्य के दर्शन करना चाहता है। सांसारिकता सोने का ढक्कन है और आत्म-परमात्म-चिन्तन वह सत्य है जिसे सांसारिकता छिपा देती है।)
  • अमॄतं चैव मॄत्युश्च द्वयं देहप्रातिष्ठितम् ।
मोहादापद्यते मॄत्युः सत्येनापद्यतेऽमॄतम् ॥
मृत्यु तथा अमरत्व दोनों एक ही देह में निवास करती हैं। मोह (भ्रम, असत्य) के से मृत्यु आती है तथा सत्य के पीछे चलने से अमरता प्रााप्त होता है।
  • सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्।
प्रियं च नानृतम् ब्रुयादेषः धर्मः सनातनः॥
सत्य बोलना चाहिये, प्रिय बोलना चाहिये। जो सत्य हो किन्तु अप्रिय हो उसे भी नहीं बोलना चाहिये। लेकिन जो प्रिय हो, किन्तु सत्य न हो, उसे भी नहीं बोलना चाहिये। यही सनातन धर्म है।
  • सत्येन रक्ष्यते धर्मो विद्याऽभ्यासेन रक्ष्यते ।
मृज्यया रक्ष्यते रुपं कुलं वृत्तेन रक्ष्यते ॥
धर्म का रक्षण सत्य से, विद्या का अभ्यास से, रुप का सफाई से, और कुल का रक्षण आचरण करने से होता है ।
  • सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः ।
सत्येन वायवो वान्ति सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम् ॥
सत्य से पृथ्वी का धारण होता है, सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से पवन चलता है । सब सत्य पर आधारित है ।
  • नास्ति सत्यसमो धर्मो न सत्याद्विद्यते परम् ।
न हि तीव्रतरं किञ्चिदनृतादिह विद्यते ॥
सत्य जैसा अन्य धर्म नहीं । सत्य से पर कुछ नहीं । असत्य से ज्यादा तीव्रतर कुछ नहीं ।
  • सत्यमेव व्रतं यस्य दया दीनेषु सर्वदा ।
कामक्रोधौ वशे यस्य स साधुः कथ्यते बुधैः ॥
'केवल सत्य' ऐसा जिसका व्रत है, जो सदा दीन की सेवा करता है, काम-क्रोध जिसके वश में है, उसी को ज्ञानी लोग 'साधु' कहते हैं ।
  • सत्यमेव जयते नानृतम् सत्येन पन्था विततो देवयानः ।
येनाक्रमत् मनुष्यो ह्यात्मकामो यत्र तत् सत्यस्य परं निधानं ॥
जय सत्य का होता है, असत्य का नहीं । दैवी मार्ग सत्य से फैला हुआ है । जिस मार्ग पे जाने से मनुष्य आत्मकाम बनता है, वही सत्य का परम् धाम है ।
  • नानृतात्पातकं किञ्चित् न सत्यात् सुकृतं परम् ।
विवेकात् न परो बन्धुः इति वेदविदो विदुः ॥
वेदों के जानकार कहते हैं कि अनृत (असत्य) के अलावा और कोई पातक नहीं; सत्य के अलावा अन्य कोई सुकृत नहीं और विवेक के अलावा अन्य कोई भाई नहीं ।
  • सत्यानुसारिणी लक्ष्मीः कीर्तिस्त्यागानुसारिणी।
अभ्याससारिणी विद्या बुद्धिः कर्मानुसारिणी॥
लक्ष्मी सत्य का अनुसरण करती हैं, कीर्ति त्याग का अनुसरण करती है, विद्या अभ्यास का अनुसरण करती है और बुद्धि कर्म का अनुसरण क्रती है।
  • सत्यं परम धीमहि -- श्रीमद्भागवद् 1.1.1
हम परम सत्य का ध्यान करते हैँ।
  • अगर आप कभी भी राजनीति में सच्चाई डाल देते हैं तो वो राजनीति नहीं रह जाती। -- विल रोजर्स
  • अगर आप सच बोलते हैं तो आपको कुछ याद रखने की ज़रुरत नहीं रहती। -- मार्क ट्वैन
  • अगर आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • अगर आप कभी भी राजनीति में सच्चाई डाल देते हैं तो वो राजनीति नहीं रह जाती । -- विल रोजर्स
  • अगर मैंने वो सारा सच लिख दिया होता जो मुझे पिछले दस साल से पता है, तो मुझे लेकर लगभग 600 लोग रिओ से सीएटल तक जेलों में सड़ रहे होते । पूर्ण सत्य पेशेवर पत्रकारिता के क्षेत्र में एक दुर्लभ और खतरनाक वस्तु है। -- हंटर एस. थोम्प्सन
  • अर्धसत्य अक्सर एक बड़ा झूठ होता है। -- बेंजामिन फ्रैंकलिन
  • इस में कुछ भी आश्चर्य नहीं की सच कल्पना से अनोखा है। कल्पना का कोई अर्थ होना चाहिए। -- मार्क ट्वैन
  • एक टिप्पणी आम तौर पर अपनी सच्चाई के अनुपात में चोट पहुंचाती है। -- विल रोजर्स
  • कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है जो उसे मारना चाहते हैं। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • कल तक हम राजाओं की आज्ञा का पालन करते थे और सम्राटों के सामने सर झुकाते थे । लेकिन आज हम सच के सामने घुटने टेकते हैं, सुन्दरता का अनुसरण करते हैं, और केवल प्रेम की आज्ञा मानते हैं। -- खलिल गिबरान
  • काफी कुछ सच, मज़ाक-मज़ाक में कहा जाता है। -- एमिनेम
  • किसी भी सत्य के तीन चरण होते है। पहला, उसका उपहास किया जाता है। दूसरा, उसका हिंसक विरोध किया जाता है। तीसरा, उसे स्वतः ही अपनाया जाता है। -- आर्थर इस्कोपेन्हौर
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। -- गौतम बुद्ध
  • किसी समाधि लेख में सबसे कम पाया जाने वाला गुण सच्चाई है। -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • केवल प्रेम ही वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है। यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • कोई औरत अपने पति के बारे में शादी के एक महीने पहले क्या सोचती है और शादी के एक साल बाद क्या सोचती है, इनका औसत निकाल लीजिये और आपको उस आदमी की सच्चाई पता चल जाएगी। -- एच एल मेंकेन
  • कोई त्रुटि तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटि नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा। -- महात्मा गाँधी
  • जब आप खुश हों तब अपने ह्रदय में गहराई से देखिये और आप पायेंगे कि जिस चीज ने आपको दुखी किया था वही आपको ख़ुशी दे रही है। जब आप दुखी हों, तब फिर अपने हृदय में झांकिए, और आप देखेंगे की असल में आप जिसके लिए रो रहे हैं वही आपकी ख़ुशी रहा है। -- खलिल गिबरान
  • जब आप संदेह में हों तो तब सच बोल दें। -- मार्क ट्वैन
  • जब मैं सच कहता हूँ तो वह उन्हें समझाने के लिए नहीं होता जो इसे नहीं जानते, बल्कि ये उनका पक्ष लेने के लिए होता है जो इसे जानते हैं। -- विल्लियम ब्लैक
  • जब संदेह में हों तो सच बोल दें। -- मार्क ट्वैन
  • जिस चीज से आप डरते हैं उसमें कोई शक्ति नहीं है। शक्ति आपके उस डर में है। वास्तविक रूप में सच का सामना करना आपको मुक्त कर देगा। -- ओपरा विनफ्रे
  • जो कुछ भी आत्मा को संतुष्ट करे वह सत्य है। -- वेट व्हिटमैन
  • जो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों में सच्चाई को गंभीरता से नहीं लेता उस पर बड़ी बातों में भी विश्वास नहीं किया जा सकता। -- ऐल्बर्ट आइन्स्टीन
  • तथ्य कई हैं, पर सत्य एक है । -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • तीन चीजें बहुत देर तक नहीं छुप सकती, सूरज, चंद्रमा और सत्य। -- गौतम बुद्ध
  • दृढ विश्वास, झूठ की तुलना में सत्य का खतरनाक शत्रु है। -- फ्रीद्रीच नीत्ज़े
  • पृथ्वी सत्य की शक्ति द्वारा समर्थित है; ये सत्य की शक्ति ही है जो सूरज को चमक और हवा को वेग देती है; दरअसल सभी चीजें सत्य पर निर्भर करती हैं। -- चाणक्य
  • प्रेम महज आवेग नहीं है, इसमें सच्चाई होनी चाहिए। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • प्रेम, दौलत, शोहरत की बजाय मुझे सच दो। -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • प्लेटो मुझे प्रिय है पर सच उससे भी ज्यादा। -- अरस्तु
  • बर्तन में रखा पानी चमकता है; समुद्र का पानी अस्पष्ट होता है। लघु सत्य स्पष्ठ शब्दों से बताया जा सकता है, महान सत्य मौन रहता है। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • बहुत हद तक भाषा सच को छुपाने का उपकरण है। -- जार्ज कार्लिन
  • बिना किसी शक के सच का झूठ से वही सम्बन्ध है जो उजाले का अँधेरे से है। -- लेनार्डो द विन्ची
  • बिना संदेह के सच सुन्दर है; पर झूठ भी ऐसे ही है। -- राल्फ वाल्डो एमर्सन
  • बुरी नियत से कहा गया एक सच आप जितना झूठ सोच सकते हैं उन सभी को मात देता है । -- विल्लियम ब्लैक
  • मुखर होना आसान है जब आप पूर्ण सत्य बोलने की प्रतीक्षा नहीं करते। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • मुझे पता है मैं कहाँ जा रहा हूँ और मुझे वह नहीं बनना है जो आप चाहते हैं। मैं जो भी चाहता हूँ वो बनने के लिए स्वतंत्र हूँ। -- मोहम्मद अली
  • मेरा एक सिद्धांत है कि सच कभी भी नौ से पांच बजे के बीच नहीं बोला जाता। -- हंटर एस. थोम्प्सन
  • मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन। -- महात्मा गाँधी
  • मैं ऐसा सोचने के लिए क्षमा चाहता हूँ कि किसी व्यक्ति कि सबसे प्रभावी आलोचना तब तक नहीं मिलती जब तक आप उसे उकसाए नहीं । कटु सत्य कुछ कडवाहट के साथ ही व्यक्त किया जाता है । -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • मैंने अपनी पत्नी से सच कहा । मैंने कहा कि मैं एक मनोचिकित्सक को देख रहा था । तब उसने भी मुझे सच बता दिया कि वह एक मनोचिकित्सक, दो प्लंबर और एक बारटेंडर को देख रही थी। -- रोडनी डेनजर्फील्ड
  • यदि आप सच बोलते हैं तो आपको कुछ याद रखने की ज़रुरत नहीं रहती। -- मार्क ट्वैन
  • यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है। -- महात्मा गाँधी
  • ये मत कहिये कि "मुझे सत्य मिल गया ह", बल्कि ये कहिये कि, "मुझे एक सत्य मिल गया है।" -- खलिल गिबरान
  • ये यकीन करना कि कोई आदमी सच कह रहा; तब बहुत मुश्किल होता है जब आप जानते हों कि इसी परिस्थिति में आप झूठ बोलते । -- एच एल मेंकेन
  • वकील का सच सच नहीं है, बल्कि सामंजस्य बैठाने का तरीका या तर्कयुक्त अवसरवादिता है । -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • विमुख होना आसान है जब आप पूर्ण सत्य बोलने की प्रतीक्षा नहीं करते। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • विरोधाभास का होना झूठ का प्रतीक नहीं है और ना ही इसका ना होना सत्य का । -- ब्लेज़ पास्कल
  • व्यक्ति कभी कभी झूठ बोल सकता है, लेकिन उसके साथ जो उसका चेहरा बनता है वह सच कह देता है। -- फ्रीद्रीच नीत्ज़े
  • व्यक्ति जब अपने को सामने रखकर बात करता है तब वो सबसे कम वास्तविक होता है। उसे एक मुखौटा दे दीजिये और वो सच बोलेगा। -- आस्कर वाइल्ड
  • शांति अगर संभव हो, सच किसी भी कीमत पर। -- मार्टिन लूथर किंग
  • शिक्षा का लक्ष्य ज्ञान और सत्य का प्रचार-प्रसार है। -- जॉन ऍफ़. केनेडी
  • सच इतना दुर्लभ है कि इसे बताने में ख़ुशी होती है। -- एमिली डिकिन्सन
  • सच बहुत कम ही शुद्ध होता है और सरल तो कभी नहीं। -- आस्कर वाइल्ड
  • सच बोलने के लिए दो लोग चाहिए होते हैं: एक बोलने के लिए, और दूसरा सुनने के लिए। -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • सच सभी के लिए नहीं होता, वह केवल उसे खोजने वालों के लिए होता है । -- ऐनी रैंड
  • सच सूरज की तरह है। आप उस पर कुछ देर के लिए पर्दा डाल सकते हैं पर वह कहीं जाने वाला नहीं। -- एल्विस प्रेस्ले
  • सच्चाई ये है कि जिनके भी पास सत्ता है उनपर यकीन नहीं करना चाहिए । -- जेम्स मैडिसन
  • सत्य अकाट्य है। दोष इस पर हमला कर सकता है, अज्ञानता इसका उपहास उड़ा सकती है लेकिन अंत में सत्य ही रहता है। -- विंस्टन चर्चिल
  • सत्य और तथ्य में बहुत बड़ा अंतर है। तथ्य सत्य को छुपा सकता है। -- माया एंजेलो
  • सत्य कभी-कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो। -- महात्मा गाँधी
  • सत्य का महान शत्रु अधिकतर जानबूझकर,काल्पनिक, या बेईमानी से बोला गया झूठ नहीं होता बल्कि दृढ, प्रेरक,और अवास्तविक मिथक होता हैं। -- जॉन ऍफ़. केनेडी
  • सत्य किसी व्यक्ति विशेष की संपत्ति नहीं है बल्कि ये सभी व्यक्तियों का खजाना है। -- राल्फ वाल्डो एमर्सन
  • सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है। पूरा रास्ता ना तय करना और इसकी शुरआत ही ना करना। -- गौतम बुद्ध
  • सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा। -- स्वामी विवेकानन्द
  • सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है। वह आत्मनिर्भर है। -- महात्मा गाँधी
  • सत्य बोलने के लिए दो लोग चाहिए होते हैं: एक बोलने के लिए और दूसरा सुनने के लिए। -- हेनरी डेविड थोरीयो
  • सत्य वो है जो काम करता है । -- विल्लियाम जेम्स
  • सत्य श्रेष्ठ व्यक्ति की वस्तु है। -- कन्फ्युशियस
  • सभी सच तीन चरणों से होकर गुजरते हैं। पहला, उसका उपहास किया जाता है। दूसरा, उसका हिंसक विरोध किया जाता है। तीसरा, उसे स्वतः सिद्ध रूप में मान लिया जाता है। -- आर्थर इस्कोपेन्हौर
  • सिर्फ गलतियों को सरकार के समर्थन की ज़रुरत होती है। सत्य अपने से खड़ा रह सकता है। -- थोमस जेफ्फेर्सन
  • सुन्दरता सत्य में मुस्कान है जब वो खुद अपना चेहरा आईने में निहारती है। -- रबीन्द्रनाथ टैगोर
  • हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसके संघर्ष में खुद के सर्वोच्च विचार के मुताबिक जीने के लिए उत्साहित करें,और साथ ही ये प्रयास करें की उसके आदर्श सत्य के बिलकुल निकट हों। -- स्वामी विवेकानंदा
  • हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है।ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है। -- चाणक्य
  • हर सुनी-सुनाई बात पर यकीन मत करिए। एक कहानी के हमेशा तीन पहलू होते हैं। आपका, उनका और सच। -- ब्रह्माकुमारी शिवानी
  • हालाँकि आप अल्पमत में हों पर सच तो सच है। -- महात्मा गाँधी

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