"हिन्दी लोकोक्ति भाग - 1": अवतरणों में अंतर

पंक्ति ४२६:
चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात : थोड़े दिनों के लिए सुख तथा
आमोद-प्रमोद और फिर दु:ख.
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चाह है तो राह भी : जब किसी काम के करने की इच्छा होती है तो
उसकी युक्ति भी निकल आती है।
 
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