प्लेटो

प्राचीन यूनानी दार्शनिक

प्लेटो यूनान के महान दार्शनिक थे। उनका जन्म 427 ईसा पूर्व एथेन्स के एक कुलीन परिवार में हुआ था। पश्चिमी राजनीतिक दर्शन का आरम्भ प्लेटो से माना जाता है।

उक्तियाँ

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  • गुलामी मृत्यु से भी भयावह है।
  • अच्छे कर्म स्वयं को शक्ति देते हैं और दूसरों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं।
  • एक अच्छा निर्णय ज्ञान पर आधारित होता है, संख्याओं पर नहीं।
  • एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों में एक पाया जाता है, लेकिन एक सम्पूर्ण व्यक्ति शायद एक लाख लोगों में भी ना मिले।
  • सभी व्यक्ति प्राकृतिक रूप से सामान हैं, एक ही मिटटी से एक ही कर्मकार द्वारा बनाये गए;और भले ही हम खुद को कितना भी धोखें में रख लें पर भगवान को जितना प्रिय एक शश्क्त राजकुमार है उतना ही एक गरीब किसान।
  • आपकी चुप्पी, स्वीकरोक्ति है।
  • कोई भी किसी को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति औरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है।
  • स्वयं को इस जन्म औए अगले जन्म में भी काम में लगाइए। बिना प्रयत्न के आप समृद्ध नहीं बन सकते। भले भूमि उपजाऊ हो, बिना खेती किये उसमे प्रचुर मात्र में फसल नहीं उगाई जा सकती।
  • जैसा कि बिल्डर कहते हैं; बड़े पत्थर बिना छोटे पत्थरों के सही से नहीं लग सकते हैं।
  • प्रेम के स्पर्श से सभी कवी बन जाते हैं।
  • थोड़ा सा जो अच्छे से किया जाए वो बेहतर है,बजाये बहुत कुछ अपूर्णता से करने से।
  • साहस मुक्ति का एक प्रकार है।
  • साहस ये जानना है कि किससे नहीं डरना है।
  • चालाक…, बुद्धिमत्ता की एक घटिया नक़ल है।
  • मौत सबसे बुरी चीज नहीं है जो इंसान के साथ हो सकती है।
  • स्वतंत्रता की अधिकता, चाहे वो राज्यों या व्यक्तियों में निहित हो, केवल गुलामी की अधिकता में बदल जाती है।
  • किसी व्यक्ति के लिए स्वयं पर विजय पाना सभी जीतों में सबसे पहली और महान है।
  • जितना भी सोना पृथ्वी या उसके अन्दर है वो अपने सद्गुणों के बदले देना पर्याप्त नहीं है।
  • अगर हर एक व्यक्ति अपनी प्राकृतिक काबिलियत के अनुसार,बिना और चीजों में पड़े, सही समय पर और सिर्फ एक काम करता तो चीजें कहीं बेहतर गुणवत्ता और मात्रा में निर्मित होतीं।
  • अच्छे लोगों को जिम्मेदारी से रहने के लिए कहने हेतु क़ानून की ज़रुरत नहीं पड़ती, और बुरे लोग क़ानून से बच कर काम करने का रास्ता निकाल लेते हैं।
  • शायद ही कोई व्यक्ति एक साथ दो कलाओं या व्य्वसाओं को करने की क़ाबिलियत रखता हो।
  • वह एक बुद्धिमान व्यक्ति था जिसने बीयर का आविष्कार किया।
  • जो अच्छा सेवक नहीं है वो अच्छा मालिक नहीं बन सकता।
  • वो जो कम चुराता है वो उसी इच्छा के साथ चुराता है जितना की अधिक चुराने वाला, परन्तु कम शक्ति के साथ।
  • ईमानदारी ज्यादातर बेईमानी से कम लाभदायक होती है।
  • तुम ये कैसे साबित कर सकते हो कि इस क्षण हम सो रहे हैं, और हमारी सारी सोच एक सपना है; या फिर हम जगे हुए हैं और इस अवस्था में एक दूसरे से बात कर रहे हैं?
  • मानव व्यवहार तीन मुख्या स्रोतों से निर्मित होता है: इच्छा, भावना, और ज्ञान।
  • मैं शायद ही कभी ऐसे गणितज्ञ से मिला हूँ जो तर्क करना जानता हो।
  • मैंने कभी भी कोई करने योग्य चीज संयोग से नहीं की, ना ही मेरे कोई आविष्कार इत्तफाक से हुए, वो काम करने से आये।
  • मैं ये मान सकता हूँ कि आपका मौन सहमती देता है।
  • अगर इंसान शिक्षा की उपेक्षा करता है तो वह लंगडाते हुए अपने जीवन के अंत की तरफ बढ़ता है।
  • अज्ञानता, सभी बुराइयों कि जड़ और तना।
  • ये एक आम कहावत है, और सभी कहते हैं, ज़िन्दगी कुछ समय के लिए कहीं पर ठहरना है।
  • यह उचित है की हर व्यक्ति को वह दिया जाये जिसके वो योग्य है।
  • यदि उद्देश्य नेक ना हो तो ज्ञान बुराई बन जाता है।
  • मजबूरी में अर्जित किया गया ज्ञान मन पर पकड़ नहीं बना पाता।
  • बिना न्याय के ज्ञान को बुद्धिमानी नहीं चालाकी कहा जाना चाहिए।
  • प्रेम एक गंभीर दिमागी बीमारी है।
  • आवश्यकता…आविष्कार की जननी।
  • अच्छे आदमी के साथ बुरा नहीं हो सकता, ना इस जीवन में ना मरने के बाद।
  • कोई क़ानून या अध्यादेश समझ से शक्तिशाली नहीं हैं।
  • वह अपने मित्र का मित्र नहीं है जो बदले में प्यार नहीं देता।
  • इंसानों के जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके लिए बहुत चिंता की जाये।
  • एक व्यक्ति एक साथ कई कलाओं में सफल नहीं हो सकता।
  • राजनीति में हिस्सा ना लेने का दंड यह है की आपको अपने से निम्न लोगों द्वारा शाशित होना पड़ता है।
  • केवल मृत लोगों ने युद्ध का अंत देखा है।
  • राज्य के गठन का हमारा ध्येय सभी का परम आनंद है,किसी श्रेणी विशेष का नहीं।
  • लोग धूल की तरह होते हैं। या तो वो आपको पोषण दे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद कर सकते हैं, या वो आपका विकास रोककर और थका कर मृत कर सकते हैं।
  • कवी ऐसी महान और ज्ञान भरी बातें कहते हैं जो वो खुद नहीं समझते।
  • विज्ञान कुछ नहीं बस धारणा है।
  • देश इंसानों की तरह होते हैं, उनका विकास मानवीय चरित्र से होता है।
  • प्रारम्भ किसी काम का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है।
  • दोष उसका है जो चयन करता है: भगवान निर्दोष हैं।
  • ऐसा समुदाय जहाँ न गरीबी है ना समृद्धि, वह समुदाय हमेशा महान सिद्धान्तो से बना होता है।
  • जिस दिशा में शिक्षा व्यक्ति की शुरआत करती है वाही जीवन में उसके भविष्य का निर्धारण करता है।
  • भगवान की सेवा संतोषजनक है, मानव की सेवा की असहनीय।
  • आदमी की पहचान इससे होती है कि वो शक्ति के साथ क्या करता है।
  • शिक्षा का सबसे आवश्यक भाग नर्सरी में उचित प्रशिक्षण है।
  • तीन तरह के लोग होते हैं; ज्ञान के प्रेमी, सम्मान के प्रेमी, और लाभ के प्रेमी।
  • दो मामलो में इंसान को कभी गुस्सा नहीं करना चाहिए, जिसमें वो मदद कर सकता हैं , और जिसमें वो मदद नहीं कर सकता हैं।
  • अच्छी चीज को दुबारा करने में कोई नुकसान नहीं है।
  • सोचना : आत्मा का स्वयं से बात करना।
  • जो महान बनना चाहते हैं उन्हें ना स्वयं से ना अपने काम से प्रेम करना चाहिए, उन्हें बस जो उचित है उसे चाहना चाहिए, चाहे वो उनके या किसी और के ही द्वारा किया जाये ।
  • आप किसी व्यक्ति के बारे में एक साल के वार्तालाप की बजाये एक घंटे के खेल में अधिक जान सकते हैं।
  • बुद्धिमान लोग बोलते हैं क्योंकि की उनके पास कुछ कहने को होता है, बेवकूफ; क्योंकि उन्हें कुछ कहना होता है।
  • जहाँ आयकर होता है, वहां उचित व्यक्ति अनुचित व्यक्ति की अपेक्षा उसी आय पर अधिक कर देगा।
  • जब दिमाग सोच रहा होता है तो वो खुद से बात कर रहा होता है।
  • यदि हम विश्वास के साथ लड़ते हैं तो हमारी शक्ति दुगनी हो जाती है।
  • धन को एक महान दिलासा देने वाला जाना जाता है।
  • माता-पिता अपने बच्चों को वसीयत में धन नहीं बल्कि श्रद्धा की भावना दें।
  • जीवन को एक नाटक की तरह जीना चाहिए।
  • मनुष्य : अर्थ की खोज में लगा एक प्राणी।
  • सबसे बड़ा धन थोड़े में संतोषपूर्वक जीना है।

इन्हें भी देखें

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