सुकरात

प्राचीन यूनानी दार्शनिक (470-399 ईसा पूर्व )
सुकरात

उक्तियाँ

सम्पादन
  • जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं केवल इतना ही जान पाया हूं कि मैं कुछ भी नहीं जान पाया हूं।
  • मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान है।
  • हमारी प्रार्थना बस सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है।
  • इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।
  • सच्चा ज्ञान केवल यह जानने में है की आप कुछ नहीं जानते है।
  • अध्यापन का सबसे अच्छा तरीका संवाद अर्थात् प्रश्नोत्तर है, जिसमें अध्यापक और अध्येता दोनों सहभागी हों।

बाहरी कडियाँ

सम्पादन
 
कॉमन्स
विकिपीडिया पर संबंधित पृष्ठ :