• प्रमाण-प्रमेय-संशय-प्रयोजन-दृष्टान्त-सिद्धान्तावयव-तर्क-निर्णय-वाद-जल्प-वितण्डाहेत्वाभास-च्छल-जाति-निग्रहस्थानानाम्तत्त्वज्ञानात् निःश्रेयसाधिगमः -- कपिल-कृत न्यायसूत्र का प्रथम सूत्र
प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अयवय, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान के तत्वज्ञान से निःश्रेयस (मोक्ष/कल्याण) की प्राप्ति होती है।
  • प्रमाकरणं प्रमानम् -- न्यायदर्शन
प्रमा के करण का नाम प्रमाण है (अर्थात यथार्थ ज्ञान का साधन प्रमाण है।)
  • प्रमीयतेऽनेनेति प्रमाणम् [१] --
जिसके द्वारा पदार्थ जाना जाता है उसे प्रमाण कहते हैं।
  • अनुभूतिः प्रमाणम् -- प्रभाकर सम्प्रदाय
अनुभूति प्रमाण है।
  • कारणदोषबाधकज्ञानरहितम् अगृहीतग्राहि ज्ञानं प्रमाणम् । -- शास्त्रदीपिका
अर्थात जिस ज्ञान में अज्ञात वस्तु का अनुभव हो, अन्य ज्ञान से बाधित न हो एवं दोष रहित हो, वही 'प्रमाण' है।
  • अविसंवादि ज्ञानं प्रमाणम् -- प्रमाणवार्तिकभाष्यम्
अविसंवादि (यथार्थ) ज्ञान प्रमाण है।
  • सम्यग्ज्ञानं प्रमाणम् -- जैन दर्शन (प्रमाणसामान्यप्रकाश)[२]
सम्यक ज्ञान प्रमाण है।
  • अनधिगततथाभूतार्थनिश्चायकं प्रमाणम् -- भाट्टमीमांसक
अनधिगत तथा यथार्थ के निश्चायक को प्रमाण कहते हैं।
  • प्रत्यक्षमेव प्रमाणम् । -- चार्वाक का दर्शन
प्रत्यक्ष ही (एकमात्र) प्रमाण है। (अथवा, जो प्रत्यक्ष है वही प्रमाण है।)
  • नमः प्रामाण्यवादाय मत्कवित्वापहारिणे -- (एक दक्षिणात्य कवि जो मिथिला में आने के बाद में प्रमाण्यवादी (नैय्यायिक) बन गये थे। )
प्रमाण्यवाद को नममस्कार है जिसने मेरे कवित्व का अपहरण कर लिया है।
  • प्रत्यक्षानुमानागमाः प्रमाणानि -- योगसूत्र (१.७)
अर्थात् प्रत्यक्ष, अनुमान और आगम प्रमाण हैं ।


  • लोकः अवश्यं शब्देषु प्रमाणम् --
  • व्याकरणे पाणिनिः प्रमाणम्
व्याकरण में पाणिनि प्रमाण हैं।
  • वेदाः प्रमाणाः
वेद प्रमाण हैं।
  • न प्रमाणेन नोत्साहात् सत्त्वस्थो भव पाण्डव
  • अतल, वितल अरु सुतल तलातल और महातल जान ।
पाताल और रसातल मिलि कै सातौ भुवन प्रमान ॥ -- सूरदास
  • बिनु पुरुषारथ जो बकै ताको कौन प्रमान ।
करनी जंबुक जून ज्यों गरजन सिंह समान ॥ -- दीनदयाल गिरि
  • बरख चारिदस बिपिन बसि करि पितु वचन प्रमान ।
आइ पाय पुनि देखिहौ मन जनि करसि गलान ॥ -- तुलसीदास
  • मिलहिं तुमहि जब सप्त ऋषीसा । तब जनेउ प्रमान बागीसा ॥ -- तुलसीदास


  • चित्र की सहयता से कुछ भी सिद्ध किया जा सकता है। -- कार्लाइल

सन्दर्भ सम्पादन

इन्हें भी देखें सम्पादन