तुष्टीकरण
तुष्टीकरण (Appeasement) राजनय की वह शैली है जिसमें किसी आक्रामक शक्ति से सीधे संघर्ष से बचने के लिए उसे विभिन्न प्रकार की रियायतें दी जातीं हैं।
उक्तियाँ
सम्पादन- अनुच्छेद 21, 30, 370 अल्पसंख्यकों के पक्ष में हैं और भेदभावमूलक है, इन्हें भारत के संविधान से निकाल देना चाहिए. संविधान में ऐसे प्रावधान किए जाएं कि भारत के नागरिकों में धर्म या पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव न हो…. जो मुसलमान या दूसरे अल्पसंख्यक अपनी अलगाववादी प्रवृत्तियों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं उन्हें विदेशी घोषित किया जाए और वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाए। -- बलराज मधोक, १९७० के दशक में प्रकाशित अपने लेख ‘अल्पसंख्यकों की समस्याएं और उनका समाधान’ में
- वर्तमान यूपीए सरकार के शासन में मुस्लिम तुष्टीकरण के दानव ने जिस तरह फिर से अपना सिर ऊपर उठाया है उसकी अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल निंदा करता है। यह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुसलमानों को 50 फीसदी आरक्षण देने का फैसला कर चुका है और अब यह इस यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा देने के हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने जा रहा है। ये सब इसकी तुष्टीकरण की नीति के ठोस सबूत ही हैं। बताया जाता है कि इस सरकार ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश भेजा है कि वे मुसलमानों को आरक्षण देने के मामले में आंध्र प्रदेश सरकार का अनुकरण करें. इसका यह निर्देश भी उतना ही निन्दनीय है। -- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सन 2005 में पारित प्रस्ताव