गुरु ग्रन्थ साहब
गुरु की पदवी प्राप्त सिख धर्म का प्रमुख ग्रंथ
गुरु ग्रन्थ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इसे 'आदि ग्रन्थ' भी कहते हैं।
सूक्तियाँ
सम्पादन- जब आप में सहज ज्ञान उपजेगा तभी आपकी बुद्धि जागेगी।
- श्री राम भी चले गए और रावण भी चला गया भले ही उनके कितने भी रिश्तेदार थे। नानक कहते हैं- कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता। जीवन एक सपने की तरह है।
- जिस काम में आपको संतुष्टि मिलती है वह कर्म की एक शुद्ध क्रिया है।
- प्रत्येक प्राणी में केवल एक तरह की वायु, पृथ्वी और केवल एक ही प्रकाश है।
- गावै को जापै दिसै दूरि ॥
- गावै को वेखै हादरा हदूरि ॥
- किसी को अकाल पुरख दूर दिखाई देते हैं और किसी को हाज़र नाज़र।
- जब मन शुद्ध नहीं है, तो बाहर की सफाई करना बेकार ही है।
- पाखंड का अभ्यास करने से और अपने मन को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ने से, आपका संदेह कभी दूर नहीं होगा।
- जो आपने अच्छे कर्म किए हैं केवल वही आपके साथ रहेंगे। यह अवसर फिर नहीं आएगा।
- जो मिथ है वह समाप्त हो जाएगा और जो सच है वही अन्त में प्रबल होगा।
- धन दौलत की खातिर, लोग नौकर और चोर बन जाते हैं। लेकिन यह उनके साथ नहीं जाता और दूसरे के लिए यहीं रह जाता है।
- महिमा वाहेगुरु के हाथ में ही है, आशीर्वाद उन लोगों को मिलता है जिन से वो प्रसन्न होते हैं।
- वही अकेला व्यक्ति बुद्धिमान है, जो आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करता है, दिव्य गुणों पर ध्यान के माध्यम से।
- हर कोई कहता है कि भगवान एक है, लेकिन हर एक अहंकार और अभिमान में तल्लीन है।
- लालच, अहंकार और अत्यधिक अहंकार में दुनिया इच्छा की आग में जल रही है।
- ब्रह्मांड का निर्माण करने के बाद, भगवान का वास होता है, वह, जिसे जीने का लाभ मिलता है, वास्तव में भगवान का सेवक है।
- स्नान के बिना भी संत एक संत ही रहता है। एक चोर हमेशा एक चोर होता है चाहे वह पवित्र जल में कितना भी स्नान करे।
- सतगुरु की बिना किसी भय के सेवा करो, और तुम्हारा संदेह दूर हो जाएगा।
- शरीर इस युग में कर्म का क्षेत्र है; तुम जो भी बोओगे, वही काटोगे।
- जो अपने मन से क्रूरता को मिटा देता है, वह सारी दुनिया को अपना मित्र मानता है।
- अहंकार की बिमारी ख़तम हो जाएगी तो दुःख दर्द भी ख़तम हो जाएगा।
- जैसा आप बीजते हो, वैसा ही आप काटते हो. यही कर्मा है।
- प्रेम भक्ति के माध्यम से, अहंकार वाष्पित हो जाता है।
- अच्छे कर्मों के कर्म के बिना, आप केवल खुद को नष्ट कर रहे हैं।
- केवल वही बोलें जो आपको सम्मान दिलाए।
- जिसे अपने आप पर कोई विश्वास नहीं है वह कभी भी ईश्वर में विश्वास नहीं रख सकता है।
- यदि ईश्वर एक है तो उसे उसी के रास्ते से प्राप्त किया जा सकता है, किसी दूसरे रास्ते से नहीं।
- यहां तक कि धन के ढेर और विशाल प्रभुत्व वाले राजाओं और सम्राटों की तुलना भगवान के प्रेम से भरी चींटी से नहीं की जा सकती।
- तुम्हारा कर्म ही जप माला है, इसे अपने हृदय में फेरते चलो।
- जिस व्यक्ति को सुख और दुःख एक ही समान लगते हैं, उसे कोई चिन्ता कैसे हो सकती है।
- जिस दिन हमारा मन परमात्मा में दिलचस्पी लेना शुरू कर देगा, उसी दिन से परेशानियों को हम में दिलचस्पी ख़तम हो जाएगी।
- जो मरने के लिए पैदा हुआ है, उसकी नहीं, बल्कि उसकी पूजा करो जो अनंत है और पूरे ब्रह्मांड में निहित है।
- उस से दुःख दर्द अपने आप दूर चले जाते हैं, जिसके मन में गुरबाणी होती है।
- हे प्राणी! तू डरता क्यों है? जिस सिरजनहार पैदा किया है वही तुझे संभालेगा..
- अगर मेरा वाहेगुरु मेरे साथ है, तो मैंने किसी और से फिर क्या लेना।
- हे सतगुरु! हे मेरे सच्चे परमात्मा! तू ही मेरा सच्चा सहारा है।
- आप सभी आत्माओं के दाता हैं और जीवित प्राणियों के भीतर का जीवन हैं।
- सभी ऊपर वाले मालिक के फरमान के साथ आते हैं। उसका फरमान सब पर लागु होता है।
- तो उसे बुरा क्यों कहें? उससे राजा पैदा होते हैं।
- लेकिन जब बुद्धि दागदार और पाप से प्रदूषित होती है, तो यह केवल ऊपर वाले का नाम जपने से ही साफ हो सकती है।
- किसी और से नाराज़ मत होइए, बल्कि अपने स्वयं के भीतर देखें।
- जिसे खुद में ही भरोसा नहीं वो ईश्वर पर भरोसा कैसे कर सकता है।
- जो सब लोगों को बराबर मानता है, वही धार्मिक है।
- सच्चाई को जानना हर चीज़ से बड़ा होता है और उस से भी बड़ा है सच्चाई से जीना।
- जीभ एक ऐसे तेज चाकू की तरह है जो खून को गिराए बिना मारता है।
- मैं हमेशा उस गुरु के लिए कृतज्ञ हूँ, जिसने मुझे प्रभु की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है।
- वह सच्चा वाहेगुरु हमेशा मेरे साथ है; मैं जहाँ भी रहूँ, वह मुझे बचाएगा।
- सबसे धन्य है वह गुरु, जो प्रभु की समझ प्रदान करता है।
- जिसका मन उसके नियंत्रण में है, समझो उसने दुनिया को जीत लिया।
- आप केवल प्रेम से वाहेगुरु को पा सकते हो।
- एक मुसलमान, हिंदू, सिख या ईसाई बनने से पहले हम सब को एक अच्छा व्यक्ति बनना चाहिए।
- बनना है तो योद्धा बनिए, चिंतित नहीं।
- दूसरों को खुश करने की कोशिश में आप खुद को भी खो बैठोगे।