करण (आचरण) के बिना ज्ञान, संयम के बिना तप और सम्यक्त्व के बिना दीक्षा ग्रहण करना व्यर्थ होता है।
संयम संस्कृति का मूल है। विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता के वातावरण में न तो संस्कृति का उद्भव होता है और न विकास। -- काका कालेलकर
संयम और श्रम मानव के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं। श्रम से भूख तेज होती है और संयम अतिभोग को रोकता है। -- रूसो
मन वाणी और शरीर से सम्पूर्ण संयम में रहने का सार ही ब्रह्मचर्य है। -- स्वामी महावीर
गति के साथ संयम और स्थिति रक्षा दोनों ही आवश्यक हैं। -- बाबू गुलाब राय
अपनी कर्मेन्द्रियों का संयम करते हुए जो मन से विषयों का चिन्तन करता है, वह पाखण्डी है। संयम का अर्थ है इस बात की समझ कि विषयों में सुख नही, वे दुःख का कारण हैं। -- श्री कृष्ण
जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते। -- भगवान बुद्ध
यदि आप अपने मन को नियंत्रित नहीं करेंगे तो मन आपको नियंत्रित करेगा और यही दुःख का कारण होगा। -- अज्ञात
संयम उस मित्र के समान है जो ओझल होने पर भी मनुष्य की शक्ति धारा में विद्यमान रहता है। -- प्रेमचन्द
धन अच्छे कार्यो से उत्पन्न होता है। हिम्मत, योग्यता, विद्वता, वेग, दृढ़ता से बढ़ता है, चतुराई से फलता फूलता है और संयम से सुरक्षित होता है। -- विदुर नीति
संयम संस्कृति का मूल है। विलासिता, निर्बलता और अनुकरण के वातावरण से न संस्कृति का उदय होता है और न विकास। संयम के आधार पर निर्मित संस्कृति प्रभावशाली और दीर्घजीवी होती हैं। -- काका कालेलकर
गृहस्थ का घर भी एक तपोभूमि है, सहनशीलता और संयम खोकर कोई भी इसमें सुखी नहीं रह सकता। -- अज्ञात
संत संयम नहीं करता। प्रत्येक वस्तु को वह दुसरे के निमित्त समझता है। -- लाओत्से
असंयमी व्यक्ति जानवरों से भी गया-बीता है। जानवर भी भोजन और वासनापूर्ति में कुछ संयम रखते है, किन्तु इंसान बुद्धिमान होकर भी आहार-विहार में बड़े असंयमी होते है जिससे वे बीमार पड़ते हैं। संयम एक ऐसा अंकुश है, जो हमें विवेक और सत्य के पथ पर आरूढ़ रखता है। -- अज्ञात
शरीर के लिए संयम, पथ्य एवं औषध की व्यवस्था रखनी ही चाहिए। -- हकीकत राय
सदा ध्यान रखो संयम इंसान का बेहतरीन गुण है, जो व्यक्ति संयम नहीं रखता उसके निर्णय, उसकी इच्छाएं बदलती रहती हैं और परीक्षा के क्षणों में वह निर्बल साबित होता हैं। -- स्वेट मार्डेन
आत्मज्ञानी व संयमी पुरूषों को न तो विषयों में आसक्ति होती है और न ही वे विषयों के लिए युक्ति करते है। -- अश्वघोष
संयम का अर्थ है सदा सचेत रहना कि अन्तस्तल में क्या घट रहा है। अविवेकी व्यक्ति संयम पर भाषण दे सकता है, संयम की मिठास भी चख नहीं सकता। जबकि यह मिठास आंवले की मिठास की तरह पुष्टिकारक तथा रोगों का निवारण करने वाली हुआ करती है। -- स्वामी अमरमुनि
वही साधक आत्मतत्व की अनुभूति कर पाता है, जिसका वरण आत्मा करती है और वह उसी को करती है जो संयमी होता है। -- उपनिषद
बाहरी किन्हीं विशेष कारणों से किया गया संयम वास्तविक संयम नहीं है, असली संयम का सम्बन्ध भीतरी समझ से होता है। -- वेदान्त तीर्थ
संयम का अर्थ है अपनी बिखरी शक्ति को एक निश्चित दिशा देना। लक्ष्य का निश्चय होते ही ऐसे पदार्थ और व्यक्ति निरर्थक लगने लगते है, जो लक्ष्य प्राप्ति के सहायक नहीं होते, बल्कि बाधक होते हैं। इस संदर्भ में की जाने वाली सतत विचार प्रक्रिया सहज संयम का कारण बनती है। -- स्वामी रामतीर्थ
जिसे नहीं करना चाहिए उस ओर जब मन आकृष्ट हो और आप उसे प्रयासपूर्वक रोकें, वैसा न करने दें, तो उसे संयम कहा जाता है। लेकिन संयम का अर्थ है, जब आकर्षणों की ओर जाने के लिए मन सहज रूप से रूक जाए। -- वेदान्त तीर्थ
संयम की जानकारी और उसका अभ्यास दोनों अलग-अलग बातें है। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे है, क्योकि अधूरेपन में भटकने की सम्भावना पूरी तरह से बनी रहती है। -- स्वामी गोविन्द प्रकाश
इन्द्रियाँ शिथिल हो जाए, लेकिन मन से वासना न जाए, ऐसी स्थिति में असंयमी व्यक्ति अत्यन्त हास्यास्पद हो जाता है। ऐसी घटनाएं आपको वृद्धों में, विशेषरूप से देखने को मिलती है। ऐसे वृद्ध अपने जीवन को नरक बना लेते है। -- के. हैरी
इस सच्चाई से कौन इन्कार करता है कि यातायात की पीली बत्ती देखने के पश्चात् सिर्फ़ हरी बत्ती का इंतज़ार ही रहता है, चाहे आप समय नष्ट करने ही क्यों न जा रहे हों। फंसे रहना हम मंजूर नहीं करते। -- राजा ठाकुर