शाहरुख खान
भारत के अभिनेता और निर्माता (जन्म:1965)
शाहरुख खान (जन्म - २ नवम्बर, १९६५) एक बॉलीवुड अभिनेता है।
उद्धरण
सम्पादन- जब भी मैं बहुत अभिमानी महसूस करने लगता हूँ तो अमेरिका की यात्रा पर चला जाता हूँ. इमीग्रेशन वाले लात मार कर मेरे स्टारडम से स्टार निकाल देते हैं.
- युवा सबसे समझदार दर्शक होते हैं. उन्हें मनोरंजन चाहिए होता है, मुद्दे नहीं.
- भारत में सिनेमा सुबह उठ कर ब्रश करने की तरह है। आप इससे बच नहीं सकते.
- कामयाबी और नाकामयाबी दोनों ज़िन्दगी के हिस्से है। दोनों ही स्थायी नहीं हैं.
- मैं अपने बच्चों को नहीं सिखाता की हिन्दू क्या है मुस्लिम क्या है।
- मैं वास्तव में यकीन करता हूँ कि मेरा काम ये सुनिश्चित करना है की लोग हंसें।
- मैं झूठ बोल सकता हूँ कि मेरी बीवी मेरे लिए खाना बनाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। मेरी बीवी ने कभी खाना बनाना नहीं सीखा लेकिन उसके पास घर पे बहुत अच्छे कुक्स हैं.
- जहाँ तक जनता का सवाल है, भारत आश्चर्यजनक रूप से धर्मनिरपेक्ष है।
- हालांकि मैं बहुत अच्छा दिखता हूँ, फिर भी मैं काफी बुद्धिमान हूँ.
- मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है की जब फिल्म को एक छोटे शेड्यूल में शूट किया जाता है तो वो अच्छी बनती है, ऊपर से एक्टर्स भी तनाव में नहीं आते.
- जब लोग मुझे भगवान् कहते हैं तो मैं कहता हूँ नहीं मैं अभी भी अभिनय का फ़रिश्ता या संत हूँ. अभी भी मुझे बहुत आगे जाना है।
- हाँ मैंने बहुत पैसे बनाये हैं और मेरी बहुत इज्ज़त है, मेरी फिल्मो ने अच्छा किया है, और मैं जानता हूँ बहुत से लोग मेरी प्रशंशा करते हैं और मुझे प्यार करते हैं. मुझे ये सब एक अनोखे सपने की तरह लगता है। मैंने कभी इसे सफलता नहीं समझा – मेरा कोई मापदंड नहीं है।
- जब मैं इस बारे में पीछे मुड़ कर सोचता हूँ, बिलकुल मैं भाग्यशाली था और मुझे महान निर्देशक मिले अच्छे ब्रेक्स मिले पर वो सब भौतिक पार्ट था। लेकिन जिस चीज ने मुझे स्टार बनाया वो ये था कि मैं कुछ खोने के डर के बिना चांस ले पाया.
- चाहे लोग इसे पसंद करें या नहीं, मेरी मार्केटिंग की सोच ये है कि अगर आप कोई चीज लम्बे समय तक लोगों के सामने रखते हैं तो उन्हें इसकी आदत पड़ जाती है.
संदर्भित
सम्पादन- मुझे काफी दुख है कि मैं इस समाज और संस्कृति का सदस्य हूँ।
- जैसा कि “मुझे दुख है कि मैं पुरुष हूं : शाहरुख खान”, एनडीटीवी खबर, २०१२-१२-२९ (अभिगमन तिथि: २०१३-१-३) में उद्धृत किया गया।
- बलात्कार एक भूल नहीं है।
- जैसा कि “मुझे दुख है कि मैं पुरुष हूं : शाहरुख खान”, एनडीटीवी खबर, २०१२-१२-२९ (अभिगमन तिथि: २०१३-१-३) में उद्धृत किया गया।