"महावीर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति ७:
* हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो क्योकि, घृणा से विनाश होता है। ~ भगवान् महावीर
* अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है। ~ भगवान् महावीर
* खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
~ '''[http://www.gyanipandit.com/mahavir-swami-in-hindi/ Mahavir Swami]'''
* भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।
पंक्ति १५:
* सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।
* एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हस्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है।
* प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता। भगवान् महावीर
==कविता==
|