"रबिन्द्रनाथ टैगोर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Hindi quotes (वार्ता | योगदान) No edit summary |
(.) दशमलव को (।) पूर्णविराम में बदला। AWB के साथ |
||
पंक्ति १:
==रबिन्द्रनाथ टैगोर==
* आयु सोचती है, जवानी करती
▲* पंखुडियां तोड़ कर आप फूल की खूबसूरती नहीं इकठ्ठा करते.
* मिटटी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी नहीं है
* मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में बैठते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाते
▲* जो कुछ हमारा है वो हम तक आता है; यदि हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं.
▲* मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में बैठते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाते हैं.
▲* मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है.
* हर बच्चा इसी सन्देश के साथ आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है
==कविता==
==बाहरी कडियाँ==
|