"दीपक चोपड़ा": अवतरणों में अंतर
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==दीपक चोपड़ा==
* आप और मैं अनंत विकल्पों का चुनाव कर सकते
* अपने आनंद से पुनः जुड़ने से महत्त्वपूर्ण और कुछ भी नहीं
▲* अपने आनंद से पुनः जुड़ने से महत्त्वपूर्ण और कुछ भी नहीं है. कुछ भी इतना समृद्ध नहीं है.कुछ भी इतना वास्तविक नहीं है.
* अपने शरीर को जानकार कर एवं विश्वास और जीव विज्ञान के बीच कि कड़ी समझ कर आप उम्र बढ़ने से मुक्ति पा सकते
▲* सोचना ब्रेन केमिस्ट्री का अभ्यास है.
* हम उम्र बढ़ने, बीमारी और मृत्यु के शिकार नहीं
▲* अपने शरीर को जानकार कर एवं विश्वास और जीव विज्ञान के बीच कि कड़ी समझ कर आप उम्र बढ़ने से मुक्ति पा सकते हैं.
* हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते
▲* उथल -पुथल और अराजकता के बीच अपने भीतर शांति बनाये रखें.
* ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं
* यदि आप और मैं इस क्षण किसी के भी विरुद्ध हिंसा या नफरत का विचार ला रहे हैं तो हम दुनिया को घायल करने में योगदान दे रेहे
▲* प्रसन्नता ऐसी घटनाओ की निरंतरता है जिनका हम विरोध नहीं करते.
▲* हम उम्र बढ़ने, बीमारी और मृत्यु के शिकार नहीं हैं. ये सीनरी का हिस्सा हैं, सिद्ध पुरुष नहीं हैं जिनमे कोई बदलाव नहीं आता. यह सिद्ध पुरुष आत्मा है, सनातन अस्तित्व की अभिव्यक्ति.
▲* हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते हैं. इसलिए ये डर पर आधारित हैं.
▲* जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे , उतनी अधिक आपके ह्रदय को पीड़ा होगी.
▲* ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है. हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है.
▲* यदि आप और मैं इस क्षण किसी के भी विरुद्ध हिंसा या नफरत का विचार ला रहे हैं तो हम दुनिया को घायल करने में योगदान दे रेहे हैं.
▲* प्रेम को कारण की ज़रुरत नहीं होती. वो दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है.
==कविता==
==बाहरी कडियाँ==
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