"चाणक्य": अवतरणों में अंतर

(.) दशमलव को (।) पूर्णविराम में बदला। AWB के साथ
पंक्ति १:
==चाणक्य==
 
* व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है;और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है.है।
* अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.चाहिए।
 
* शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एकहै।एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है.है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.है।
* अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.
* कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.नहीं।
 
* किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.आईना।
* शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.
* सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.चाहिए।
 
* इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.रहिये।
* कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.
* जैसे ही भय आपके करीब आये, उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.दीजिये।
 
* कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा.होऊंगा। और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढें.बढें।
* किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.
 
* सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.
 
* इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.
 
* जैसे ही भय आपके करीब आये, उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
 
* कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढें.
 
* जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?
* पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये.रखिये। अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये.रखिये। जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.करिए। आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.हैं।
 
* हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.हैं।
* पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये. अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए. आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.
* हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है.ऐसीहै।ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो.हो। यह कड़वा सच है.है।
 
* वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों.हों।
* हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.
* अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है.है। मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है.है।
 
* हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है.ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो. यह कड़वा सच है.
 
* वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों.
 
* अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है. मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है.
 
==कविता==
 
 
==बाहरी कडियाँ==
 
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* '''[http://www.gyanipandit.com/chanakya-in-hindi/ चाणक्य जीवन परिचय]'''
 
* '''[http://www.gyanipandit.com/chanakya-niti-in-hindi/ चाणक्य निति(Quotes)]'''