"दीपक चोपड़ा": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति २१:
* ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है. हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है.
 
* यदि आप और मैं इस क्षण किसी के भी विरुद्ध हिंसा या नफरत का विचार ला रहे हैं तो हम दुनिया को घायल करने में योगदान दे रेहे हैं.
 
* प्रेम को कारण की ज़रुरत नहीं होती. वो दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है.
पंक्ति ३१:
 
==बाहरी कडियाँ==
* '''[http://www.gyanipandit.com/top-10-quotes-by-deepak-chopra-in-hindi/ दीपक चोपड़ा (Quotes In Hindi)]'''