"सुभाषित सहस्र": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति १,६८७:
<P>पोथी पढि पढि जग मुआ , पंडित भया न कोय ।<BR>ढाई अक्षर प्रेम का पढे , सो पंडित
होय ॥</P>
 
'''[http://www.gyanipandit.com/hindi-quotes-on-life/ प्रेम(Love Quotes In Hindi)]'''
 
<P><STRONG>क्षमा / बदला </STRONG></P>
<P>क्षमा बडन को चाहिये , छोटन को उतपात ।<BR>का शम्भु को घट गयो , जो भृगु मारी
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<P>विश्व एक महान पुस्तक है जिसमें वे लोग केवल एक ही पृष्ठ पढ पाते हैं जो कभी घर
से बाहर नहीं निकलते ।<BR>— आगस्टाइन</P>
<P>दुख और वेदना के अथाह सागर वाले इस संसार में '''[http://www.gyanipandit.com/hindi-quotes-on-life/ प्रेम]''' की अत्यधिक आवश्यकता है। -डा
रामकुमार वर्मा </P>
<P>डूबते को तारना ही अच्छे इंसान का कर्तव्य होता है। -अज्ञात </P>