"सुभाषित सहस्र": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति ९०७:
को साथ- साथ ध्यान में रखते हुए भी स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता का होना
।<BR>— स्काट फिट्जेराल्ड </P>
<P>आत्मदीपो भवः ।<BR>( अपना दीपक स्वयं बनो । )<BR>— [http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]</P>
<P>इतने सारे लोग और इतनी थोडी सोच&nbsp;!</P>
<P>सभी प्राचीन महान नहीं है और न नया, नया होने मात्र से निंदनीय है। विवेकवान लोग
पंक्ति १,६३४:
हितोपदेश</P>
<P>पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सदगुण की महक सब ओर
फैल जाती है ।<BR>–गौतम–[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध] </P>
<P>&nbsp;</P>
<P>&nbsp;</P>
पंक्ति १,६४८:
है।<BR>- सांख्य दर्शन</P>
<P>भोगविलास ही जिनके जीवन का प्रयोजन<BR>आलसी, असंयत करें अत्यधिक भोजन।<BR>मार
करता है इन निर्बलों की तवाही<BR>करे कृश वृक्ष को ज्यों पवन धराशाई।।<BR>—-[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध] (धम्मपद ७) </P>
बुद्ध (धम्मपद ७) </P>
<P>संयम और श्रम मानव के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं । श्रम से भूख तेज होती है और
संयम अतिभोग को रोकता है ।<BR>— रूसो</P>
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<P>जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत
रखना चाहिये |<BR>— वेदव्यास </P>
<P>जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है वही सबसे बड़ा विजयी हैं ।<BR>–गौतम–[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध]
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<P>वही उन्नति करता है जो स्वयं अपने को उपदेश देता है। -स्वामी रामतीर्थ </P>
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है। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर </P>
<P>मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से
जीत सकता है । -[http://www.gyanipandit.com/gautam-buddha-quotes-in-hindi-with-image/ गौतम बुद्ध] </P>
<P>स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है! -लोकमान्य तिलक </P>
<P>त्योहार साल की गति के पड़ाव हैं, जहां भिन्न-भिन्न मनोरंजन हैं, भिन्न-भिन्न