"कार्ल मार्क्स": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
Hindi quotes (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति १४:
* नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है.
* पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है.
* सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है.
==कविता==
|