"कार्ल मार्क्स": अवतरणों में अंतर

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* नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है.
 
* पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है.
 
* सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है.
 
 
==कविता==