"कार्ल मार्क्स": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति १२:
 
* धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है.
 
* नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है.
 
==कविता==