"दीपक चोपड़ा": अवतरणों में अंतर
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* हम उम्र बढ़ने, बीमारी और मृत्यु के शिकार नहीं हैं. ये सीनरी का हिस्सा हैं, सिद्ध पुरुष नहीं हैं जिनमे कोई बदलाव नहीं आता. यह सिद्ध पुरुष आत्मा है, सनातन अस्तित्व की अभिव्यक्ति.
* हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते हैं. इसलिए ये डर पर आधारित हैं.
==कविता==
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