"चार्ली चैपलिन": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति ११:
* किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है जब वो नशे में होता है.
 
* इस मक्कार दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, यहाँ तक की हमारी परेशानिया भी नहीं.
*
 
==कविता==