"नरेन्द्र मोदी": अवतरणों में अंतर
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सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं
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सौगंध मुझे इस मिट्टी कीमैं देश नहीं मिटने दूंगा
वो जितने अंधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊंगा
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सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
==बाहरी कडिय==
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