"सुभाषित सहस्र": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति १४८:
<P>जो कोई भी हों , सैकडो मित्र बनाने चाहिये । देखो, मित्र चूहे की सहायता से
कबूतर (जाल के) बन्धन से मुक्त हो गये थे ।<BR>— पंचतंत्र</P>
<P>को लाभो गुणिसंगमः ( लाभ क्या है&nbsp;? गुणियों का साथ )<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2012/09/1-incredible-sanskrit-shlokas.html भर्तृहरि]</P>
<P>सत्संगतिः स्वर्गवास: ( सत्संगति स्वर्ग में रहने के समान है ) </P>
<P>संहतिः कार्यसाधिका । ( एकता से कार्य सिद्ध होते हैं )<BR>— पंचतंत्र</P>
पंक्ति २०७:
<P>जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है ।</P>
<P>मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा
को बदल सकते हैं।<BR>- [http://www.hindisahityadarpan.in/2011/12/mahatma-gandhi-quotes-hindi.html महात्मा गांधी]</P>
<P>किसी की करुणा व पीड़ा को देख कर मोम की तरह दर्याद्र हो पिघलनेवाला ह्रदय तो
रखो परंतु विपत्ति की आंच आने पर कष्टों-प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाते रहने की
पंक्ति ४०८:
शास्त्र /सम्पत्ति / ऐश्वर्य</FONT></STRONG></P>
<P>दान , भोग और नाश ये धन की तीन गतियाँ हैं । जो न देता है और न ही भोगता है,
उसके धन की तृतीय गति ( नाश ) होती है ।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2013/09/subhashit-about-three-states-of-money.html भर्तृहरि]</P>
<P>हिरण्यं एव अर्जय , निष्फलाः कलाः । ( सोना ( धन ) ही कमाओ , कलाएँ निष्फल है
)<BR>— महाकवि माघ</P>
पंक्ति ५१९:
<P><STRONG><FONT color=#0000ff>लोकतन्त्र / प्रजातन्त्र /
जनतन्त्र</FONT></STRONG></P>
<P>लोकतन्त्र , जनता की , जनता द्वारा , जनता के लिये सरकार होती है ।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2013/08/top-abraham-lincoln-hindi-quotes-leadership.html अब्राहम लिंकन]</P>
लिंकन</P>
<P>लोकतंत्र इस धारणा पर आधारित है कि साधारण लोगों में असाधारण संभावनाएँ होती है
।<BR>— हेनरी एमर्शन फास्डिक</P>
Line ५३७ ⟶ ५३६:
विश्वास नहीं है।<BR>बहुमत का शासन जब ज़ोर-जबरदस्ती का शासन हो जाए तो वह उतना ही
असहनीय हो जाता है जितना कि नौकरशाही का शासन।<BR>— महात्मा गांधी</P>
<P>सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है ।<BR>–स्वामी–[http://www.hindisahityadarpan.in/2011/11/great-quotations-by-swami-vivekananda.html स्वामी विवेकानंद]
</P>
<P>लोकतंत्र के पौधे का, चाहे वह किसी भी किस्म का क्यों न हो तानाशाही में पनपना
Line ६३८ ⟶ ६३७:
<P>इतिहास, शक्तिशाली लोगों द्वारा, उनके धन और बल की रक्षा के लिये लिखा जाता है
।</P>
<P>इतिहास , असत्यों पर एकत्र की गयी सहमति है।<BR>— [http://www.hindisahityadarpan.in/2011/12/napoleon-bonaparte-quotes-in-hindi.html नेपोलियन बोनापार्ट]</P>
<P>जो इतिहास को याद नहीं रखते , उनको इतिहास को दुहराने का दण्ड मिलता है ।<BR>—
जार्ज सन्तायन</P>