"रजनीश": अवतरणों में अंतर

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*यदि तुम्हारे ह्रदय के तार मुझसे जुड़ गए हैं तो अनंतककाल तक आवाज़ देता रहूँगारहूँगा।
 
*यथार्थवादी बनो: चम्त्कार की योजना बनाओ
 
*तुम कहते हो की स्वर्ग में शाश्वत सौंदर्य है ,शाश्वत सौंदर्य अभी है यहाँ ,स्वर्ग में नहीनही।
 
*जब तुम नही होगे ,तब तुम पहली बार होगे
 
*मसीहा को मरे जितना समय हो जाता है कर्मकांड उतना ही प्रबल हो जाता है ,। अगर आज बुद्ध जीवित होते तो तुम उन्हें पसंद न करते ।
अगर आज बुद्ध जीवित होते तो तुम उन्हें पसंद न करते
 
*मेरी सारी शिक्षा दो शब्दो की है प्रेम और ध्यानध्यान।
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://oshowani.blogspot.in/search/label/%E0%A4%85%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6 ओशो वाणी]
 
[[श्रेणी:हिन्दी लोकोक्तियाँ]]
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