"प्रज्ञा सुभाषित-3": अवतरणों में अंतर
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300) जाग्रत् अत्माएँ कभी अवसर नहीं चूकतीं। वे जिस उद्देश्य को लेकर अवतरित होती हैं, उसे पूरा किये
बिना उन्हें चैन नहीं पड़ता।
[[श्रेणी:लोकोक्तियाँ]]
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