"घाघ की कहावतें": अवतरणों में अंतर

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गेहूं बाहें, चना दलाये। <br>
धान गाहें, मक्का निराये। <br>
ऊख कसाये। <br>
 
खूब बांह करने से गेहूं, खोंटने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और पानी में छोड़कर बाद में बोने से उसकी फसल अच्छी होती है।
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पूर्वा नक्षत्र में धान न रोपो नहीं तो धान के एक पेड़ में सोलह पैया पैदा होगा।
 
 
==बोवाई==
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आंक से कोदो, नीम जवा। <br> गाड़र गेहूं बेर चना।।
 
यदि मदार खूब फूलता है तो कोदो की फसल अच्छी है। नीम के पेड़ में अधिक फूल-फल लगते है तो जौ की फसल, यदि गाड़र (एक घास जिसे खस भी कहते हैं) की वृद्धि होती है तो गेहूं बेर और चने की फसल अच्छी होती है। <br>
 
आद्रा में जौ बोवै साठी। <br>
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खरीफ की फसल के बीच में रबी की फसल अच्छी नहीं होती।
 
 
==वाह्य सूत्र==
*[http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%98%E0%A4%BE%E0%A4%98 '''घाघ''']
 
[[श्रेणी:लोकोक्तियाँ]]