"रजनीश": अवतरणों में अंतर
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New page: ेमें अमीर आदमी का गुरू हूँ यथार्थवादी बनो: चम्त्कार की योजना बनाओ तुम ... |
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पंक्ति १:
यदि तुम्हारे ह्रदय के तार मुझसे जुड़ गए हैं तो अनंतककाल तक आवाज़ देता रहूँगा
यथार्थवादी बनो: चम्त्कार की योजना बनाओ
पंक्ति ७:
जब तुम नही होगे ,तब तुम पहली बार होगे
मसीहा को मरे जितना समय हो जाता है कर्मकांड उतना ही
अगर आज
मेरी सारी
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