"नीति के वचन": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति ९:
 
 
दुष्ट के साथ दुस्ष्टतादुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिये। ( शठे शाठ्यम समाचरेत् ) <br/>
-- चाणक्य <br/>