"नीति के वचन": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति १०:
 
दुष्ट के साथ दुस्ष्टता का ही व्यवहार करना चाहिये। ( शठे शाठ्यम समाचरेत् ) <br/>
-- चाणक्य <br/>