"स्त्री": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति ५:
: जननी (माँ) और जन्मभूमि दोनों स्वर्ग से भी महान हैं।
* किसी को भी मत कहने दो कि तुम कमजोर हो क्योंकि तुम एक
* महिला समाज के असली आर्किटेक्ट्स हैं। -- चेर
पंक्ति २१:
* एक नारी के लिए अपने पति का प्यार और बेटे के लिए माँ की ममता के आगे रानी का पद भी तुच्छ है।
* एक नारी ही कभी माँ, कभी
* एक नारी ही होती है जो माँ, बहन, बेटी और पत्नी का फर्ज निभाती है।
पंक्ति ४७:
* एक स्त्री ही होती है जो सभी रिश्तो को सम्भालती है।
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* औरते प्यार करने के लिए बनी हैं, समझने के लिए नहीं। -- आस्कर वाइल्ड
पंक्ति ९७:
* यदि नारी सुरक्षित है तभी हमारा भविष्य भी सुरक्षित है।
* यह भी सत्य है हर कोई एक स्त्री के रूप में अपनी
* लज्जा स्त्रियों का गहना है।
पंक्ति १४७:
* यदि स्त्रियाँ प्रसन्न रहें तो सारा कुल प्रसन्न रहता है। -- कहावत
* लड़कियों को कमज़ोर और बोझ मानने वाले लोगों, भारत में ऐसी हज़ारों
* वह जन्म देती है, वह मौत से बचाती है, वह आगे बढ़ाती है, वह औरत कहलाती है।
पंक्ति १६९:
==इन्हें भी देखें==
*[[माता]]
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