"आरम्भ": अवतरणों में अंतर

छो स्वच्छ
No edit summary
पंक्ति १:
* '' यत्रोत्साहसमारम्भो यत्रालस्य विहीनता ।
: ''नयविक्रम संयोगस्तत्र श्रीरचला ध्रुवम् ॥'' -- पञ्चतन्त्र
: जहाँ उत्साह है, आरम्भ (पहल) है, और आलस्य नहीं है, नय (नीति) और पराक्रम का समुचित समन्वय है, वहाँ से लक्ष्मी कहीं और नहीं जाती, यह निश्चित है।
 
* ''शुभस्य शीघ्रम्'' (शुभ कार्य शीघ्रातशीघ्र आरम्भ करना चाहिये।)
 
"https://hi.wikiquote.org/wiki/आरम्भ" से प्राप्त