"अरस्तु": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:AT 13766 Aristotle - Rössner -Roof figure at the Naturhistorisches Museum, Vienna 8928-Bearbeitet.jpg|thumb|right|अरस्तु]]
==उक्तियाँ==
* <sup>अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती।</sup>
* मनुष्य अपनी सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है।
* अपने दुश्मनों पर विजय पाने वाले की तुलना में मैं उसे शूरवीर मानता हूं जिसने अपनी इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है; क्योंकि सबसे कठिन विजय अपने आप पर विजय होती है।
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* संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार।
* अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।
* <sup>कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है।है</sup>।
* डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाले दर्द है।
* मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है।