"दर्शन": अवतरणों में अंतर

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* ''दृश्यतेह्यनेनेति दर्शनम् (दृष्यते हि अनेन इति दर्शनम्)
: यह दिखाता है, इसलिये यह 'दर्शन' है। (असत् एवं सत् पदार्थों का यथार्थ ज्ञान ही दर्शन है।)
 
* ''प्रमाण प्रमेय संशय प्रयोजन दृष्टान्त सिद्धान्तावयव तर्क निर्णय वाद जल्प वितण्डा हेत्वाभास च्छल जति निग्रहस्थानानां तत्त्वज्ञानान्निश्श्रेयसाधिगमः ॥'' -- अक्षपाद गौतम, न्यायसूत्र
:: अर्थ : प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अयवय, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान के तत्वज्ञान से निःश्रेयस (मोक्ष) प्राप्त होता है।
"https://hi.wikiquote.org/wiki/दर्शन" से प्राप्त