"योग": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Sarvangasana.jpg|'''आसन''', योग के आठ अंगों में से एक है। '''सर्वाङ्गासन''' = सभी अंगों का आसन]]
'''योग''', प्राचीन भारत में उद्भूत शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्रिया है। पतंजलि द्वारा रचित योगसूत्र योग का प्रधान ग्रन्थ है।
योगदर्शन, भारत के छः आस्तिक दर्शनों में से एक है। १९वीं और २०वीं शताब्दी में भारत से निकलकर अनेग योग-गुरु पश्चिमी देशों में जाकर योग का प्रचार-प्रसार किये।
== उक्तियाँ ==
* ''योगः चित्तवृत्तिनिरोधः'' (चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है।) -- पतञ्जलि योगसूत्र▼
: अर्थ : चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है।
* अपना अभ्यास करो और सब कुछ आ रहा है। -- श्री के पट्ठाबी जॉइस
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