"क्षमा": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति १:
* ''क्षमा बलमशक्तानाम् शक्तानाम् भूषणम् क्षमा।
* छिमा बड़न को चाहिए, छोटेन को उतपात। ▼
: ''क्षमा वशीकृते लोके क्षमयाः किम् न सिद्ध्यति॥
: का रहीम हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात॥ (रहीम) ▼
: क्षमा निर्बलों का बल है, क्षमा बलवानों का आभूषण है, क्षमा ने इस विश्व को वश में किया हुआ है, क्षमा से कौन सा कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है?
* ''क्षमा वीरस्य भूषणम् ।'' (क्षमा वीरों का
* जिसने पहले कभी तुम्हारा उपकार किया हो, उससे यदि कोई भरी अपराध हो जाए तो भी पहले के उपकार का स्मरण करके उस अपराधी के अपराध को तुम्हे क्षमा कर देना चाहिए। -- वेदव्यास
: अर्थ - रहीम कहते हैं कि बड़ों का कर्तव्य है कि वे क्षमा करें। छोटे लोगों की प्रवृत्ति उत्पात करने की होती है। भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु को लात मारी, विष्णु ने इस कृत्य पर भृगु को क्षमा कर दिया। इससे विष्णु का क्या बिगड़ा?▼
▲* जिसने पहले कभी तुम्हारा उपकार किया हो, उससे यदि कोई भरी अपराध हो जाए तो भी पहले के उपकार का स्मरण करके उस अपराधी के अपराध को तुम्हे क्षमा कर देना चाहिए। -- वेदव्यास
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* दान को सर्वश्रेष्ठ बनाना है तो क्षमादान करना सीखो। -- चार्ल्स बक्सन
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