"स्त्री": अवतरणों में अंतर
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* ''यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।'' -- मनुस्मृति
* जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।'' -- वाल्मीकि रामायण
: जननी (माँ) और जन्मभूमि दोनों स्वर्ग से भी महान हैं।
* किसी को भी मत कहने दो कि तुम कमजोर हो क्योंकि तुम एक औरत हो।
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* स्त्री का शारीरिक सामर्थ्य भले ही कम हो, उसकी वाणी में असीम सामर्थ्य है। -- लक्ष्मीबाई केलकर
* स्त्री पुरुष से उतनी ही श्रेष्ठ है, जितना प्रकाश अँधेरे से। --
* हर एक व्यक्ति के अच्छाई और तरक्की के पीछे एक औरत का हाथ है।
==इन्हें भी देखें==
*[[माता]]
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