"वाणी": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) ': तुलसी मीठे बचन तें , सुख उपजत चहुँ ओर । : वशीकरण इक मं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया |
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: तुलसी मीठे बचन तें , सुख उपजत चहुँ ओर ।▼
* ''केयूराणि न भूषयन्ति पुरुषं हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः
: ''न स्नानं न विलेपनं न कुसुमं नालङ्कृता मूर्धजाः।
: ''वाण्येका समलङ्करोति पुरुषं या संस्कृता धार्यते
: ''क्षीयन्ते खलु भूषणानि सततं वाग्भूषणं भूषणम्॥'' -- भर्ठरि, नीतिशतक
: इस धरती पर पुरुषों (मनुष्यों) की सुन्दरता न तो बाजूबन्द पहनने से और न ही चन्द्रमा के समान उज्ज्वल कांति वाले मोतियों की माला ही पहनने से बढ़ती है। न स्नान से, न सुगंधित पदार्थों के लेपन से, न फूलों की सज्जा से, न ही बालों को बनाने से ही (मनुष्य की सुन्दरता में वृद्धि होती है)। एकमात्र संस्कारित वाणी अपनाने से ही मनुष्य के सौन्दर्य को बढ़ाती है। सभी प्रकार के आभूषण समयान्तराल के बाद नष्ट ही हो जाते हैं, किन्तु मधुर/सारगर्भित/कल्याणकारी वाणी ही सदैव मनुष्य का आभूषण होती है।
: तस्मात् तदेव वक्तव्यं , वचने का दरिद्रता ॥▼
: ( प्रिय वाणी बोलने से सभी जन्तु खुश हो जाते है । इसलिये मीठी वाणी ही बोलनी चाहिये , वाणी में क्या दरिद्रता ? )▼
: वशीकरण इक मंत्र है , परिहहुँ बचन कठोर ॥ -- तुलसीदास
: औरन को शीतल लगे , आपहुँ शीतल होय ॥ -- कबीरदास
: श्रवण मार्ग ह्वै संचरै , शाले सकल शरीर ॥ -- कबीरदास
▲: प्रियवाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।
▲: तस्मात् तदेव वक्तव्यं , वचने का दरिद्रता ॥
▲: ( प्रिय वाणी बोलने से सभी जन्तु खुश हो जाते है । इसलिये मीठी वाणी ही बोलनी चाहिये , वाणी में क्या दरिद्रता ? )
▲: नम्रता और मीठे वचन ही मनुष्य के सच्चे आभूषण होते हैं। -- तिरूवल्लुवर
: रहिमन करुवे मुखन को , चहिये यही सजाय ॥ -- रहीम
: एक शब्द औषधि करे, एक करे घाव।
: मीठा शब्द सुनाए के, जग अपनो कर लेत।
: राज धर्म तन तीनि कर, होई बेगहिं नास॥ -- तुलसीदास
: ऐक शब्द सब दुसमना, ऐक शब्द सब यार॥
: जान परत है काक पिक, ऋतु बसंत के माहिं॥
* कड़वी बात भी
* कठोर वचन बुरा है क्योकि तन-मन को जला देता है और मृदुल वचन अमृत वर्षा के समान हैं। -- कबीर
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* कितना भी दुःखद विषय हो, उसकी चर्चा कठोर भाषा में नहीं करनी चाहिए। -- महात्मा गांधी
* कटु वचन कहने से अच्छा है कि
* मनुष्यों के पास धन-दौलत के अंबार हो सकते है लेकिन बुद्धिमान मनुष्य की वाणी तो अनमोल होती हैं। -- बाइबिल
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