"मदिरा": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) '* शराब शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती है। -- महात्मा गाँधी * पहले आदमी शराब पीता है, फिर शराब शराब पीता है और अन्त में शराब आदमी को पीता है।' के साथ नया पृष्ठ बनाया |
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* शराब शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती है। -- महात्मा गाँधी
* जब आदमी तीसरा प्याला लेता है, तो मदिरा आदमी को पीती है। -- Hokekyō Sho, एक बौद्ध संस्कृत ग्रन्थ
* जब शराब अन्दर जाती है तो सत्य बाहर आता है। -- Charles Dickens, Nicholas Nickleby, Chapter 27. (1838)
* जब शराब अन्दर जती है तो बुद्धि बाहर आती है। -- Thomas Becon, Catechism, 375
* मदिरा में सत्य है। -- रोमन कहावत
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