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अनुनाद सिंह (चर्चा | योगदान) No edit summary |
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* छिमा बड़न को चाहिए, छोटेन को उतपात।
: का रहीम हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात॥ (रहीम)
* क्षमा वीरस्य भूषणम् । (क्षमा वीरों का आभूष्ण है।)
: अर्थ - रहीम कहते हैं कि बड़ों का कर्तव्य है कि वे क्षमा करें। छोटे लोगों की प्रवृत्ति उत्पात करने की होती है। भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु को लात मारी, विष्णु ने इस कृत्य पर भृगु को क्षमा कर दिया। इससे विष्णु का क्या बिगड़ा?
* जिसने पहले कभी तुम्हारा उपकार किया हो, उससे यदि कोई भरी अपराध हो जाए तो भी पहले के उपकार का स्मरण करके उस अपराधी के अपराध को तुम्हे क्षमा कर देना चाहिए। -- वेदव्यास
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