"उद्योग": अवतरणों में अंतर

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* हर प्रणाली को प्रबन्धन की आवश्यकता होती है। यह अपने आप का प्रबन्धन नहीं कर सकती। पश्चिमी जगत में, उनके ऊपर छोड़ देने के कारण, (संस्था के) अवयव स्वार्थी, प्रतिस्पर्धा करने वाले और स्वतंत्र लाभ के केन्द्र बन जाते हैं, और इस तरह से प्रणाली को नष्ट कर देते हैं...। सफलता का रहस्य यह है कि सभी अवयव आपस में सहयोग करें और संस्था के लक्ष्य को प्राप्त करें। हम प्रतिस्पर्धा के नाशी प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकते। -- W. Edwards Deming उद्योग, सरकार और शिक्षा के लिये नया अर्थशास्त्र (1993).
 
* बडे उद्योगों ने संसार के सभी लोगों को पास ला दिया है, सभी स्थानीय बजारों को मिलाकर एक विश्व बाजार बना दिया है, सभ्यता और प्रगति को हर जगह फैला दिया है। इस प्रकार इसने यह सुनिश्चित कर दिया है कि जो कुछ किसी सभ्य देश में घटेगा उसका प्रभाव दूसरे देशों पर भी पड़ेगा। इसका अर्थ ये है कि यदि इंग्लैंड या फ्रान्स के ह्रमिक अपने आप को मुक्त करते हैं तो इससे दूसरे देशों के उनके भाइयों को मुक्ति मिलना शुरू होगा। -- फ्रेडरिक इंगेल्स, साम्यवाद के सिद्धन्त्सिद्धान्त (1847)
 
* उद्योगों में मानव की भूमिका....इतना अलग-अलग है कि यदि हम मापन का उपयोग नहीं करते और मापन के परिणामों को नहीं मानते प्रक्रम को ठीक-ठीक और दक्षतापूर्वक दोहराने की कोई सम्भावना नहीं है। -- Frank Bunker Gilbreth, Sr. Measurement of the human factor in industry (1917) p. 3.