"पुस्तक": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति ४१:
* अच्छी पुस्तकें जीवंत देव प्रतिमाएं हैं। उनकी आराधना से तत्काल प्रकाश और उल्लास मिलता है। – पंडित श्रीराम शर्मा ‘आचार्य
 
* अच्छी पुस्तकें मन को आलोकित करती हैं, बुरी पुस्तकें आत्मा को दूषित करती हैं। -- Drडॉ T.P.Chiaटी पी चिया
 
* अच्छे मित्र, अच्छी किताबें, और साफ़ अंतःकरण : यही आदर्श जीवन है। -- मार्क ट्वेन
 
* अपना तेज बनाये रखने के लिए जिस तरह तलवार को पत्थर की ज़रुरत होती है उसी प्रकार दिमाग को किताबों की। -- जॉर्ज आर।आर आर।आर मार्टिन
 
* आप कभी भी इतना बड़ा चाय का प्याला या इतनी बड़ी किताब नहीं पा सकते जो मुझे सूट कर सके। -- सी। एस। लुईस
पंक्ति ७४:
 
* एक किताब की तरह वफादार कोई दोस्त नहीं है। -- अर्नेस्ट हेमिंग्वे
 
* एक किताब जितना वफादार कोई दोस्त नहीं है। -- अर्नेस्ट हेमिंग्वे
 
* एक किताब पढ़ना एक आलू चिप खाने की तरह है। -- डायने डुआन
Line १२२ ⟶ १२०:
 
* किताबें जलाने से भी बड़े कई अपराध हैं। उनमें से एक है उन्हें नहीं पढ़ना। –जोसफ ब्रॉड्स्की
 
* किताबें जलाने से भी बदतर अपराध हैं, किताबो को नही पढ़ना। -- जोसेफ ब्रोडस्की
 
* किताबें जलाने से भी बदतर अपराध हैं। उनमे से एक है उन्हें ना पढना। -- जोसफ ब्रोड्स्की
 
* किताबें दर्पण की तरह हैं: यदि एक मूर्ख अन्दर देखता है तो आप किसी प्रतिभावान के बाहर देखने की उम्मीद नहीं कर सकते। -- जे। के। राउलिंग
 
* किताबें पढ़ते रहिए, लेकिन याद रखिए किताब सिर्फ किताब है, चिंतन करने के लिए सीखना तो आपको खुद ही पड़ेगा। -- मैक्सिम गोर्की
 
* किताबें पढ़ते रहें, लेकिन याद रखें कि किताब केवल एक किताब है, और आपको अपने लिए सोचना सीखना चाहिए। -- मैक्सिम गोर्की
 
* किताबें पढने की दो वजहें हैं ; पहली, कि आप उसका लुत्फ़ उठा सकें ; दूसरा कि आप उसके बारें में डींगें हांक सकें। -- बेरट्रेंड रसेल
Line २१४ ⟶ २०६:
 
* बच्चों की कहानी जिसका सिर्फ बच्चे आनंद उठा सकें वो बिलकुल भी अच्छी बच्चों की कहानी नहीं है। -- सी। एस। लुइस -- : पंचतंत्र की कहानियां
 
* बिना किताबों के कमरा बिना आत्मा के शरीर के समान है। -- मार्कस टुल्लिअस सिसरो
 
* बिना किताबो वाला कमरा, आत्मा के बिना शरीर के समान है। -- मार्कस ट्यूलियस सिसेरो
Line २५६ ⟶ २४६:
 
* यदि आप केवल उन पुस्तकों को पढ़ते हैं जो हर कोई पढ़ रहा है, तो आप भी केवल वही सोच सकते हैं जो बाकी सब लोग सोच रहे हैं। -- हारुकी मुराकामी
 
* यदि आप वही किताब पढ़ते हो जिसे हर कोई पढ़ता है, तो आप केवल वैसा ही सोच पाएंगे जैसा हर कोई सोचता है। – हारुकी मुराकामी
 
* यदि आप सिर्फ वही किताबें पढ़ते हैं जो बाकी सभी पढ़ रहे हैं तो आप वही सोच पायेंगे जो बाकी सभी सोच रहे हैं। -- हरुकी मुराकामी
 
* यदि आपके पास एक बगीचा और एक पुस्तकालय है, तो आपके पास वह सब कुछ है जो आपको चाहिए। -- मार्कस ट्यूलियस सिसेरो
 
* यदि आपके पास एक बागीचा और पुस्तकालय है तो आपके पास वो सब कुछ है जो आपको चाहिए। -- मार्कस टुलीयस सिसरो