"श्रीराम शर्मा": अवतरणों में अंतर

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==मनुष्य-जीवन पर==
* जीवन का अर्थ है, '''समय'''। जो जीवन से अधिक प्यार करते हों, वे व्यर्थ में एक क्षण न गवाएँ।
* असफलता का मतलब है कि जितना अभ्यास, मेहनत और समय आपको उस काम को देना था, उतना काम आपने नहीं किया।
 
* मनुष्य को सफल बनने के लिए पहले अपने विचारों को बदलना पड़ेगा।
 
* मनुष्य जन्म सिर्फ पेट भरने और बच्चा पैदा करने के लिए नही हुआ है।
 
* असफलता का मतलब है कि जितना अभ्यास, मेहनत और समय आपको उस काम को देना था, उतना काम आपने नहीं किया।
 
* सादा जीवन : उच्च विचार ।
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* नशा मनुष्य और समाज दोनों को बर्बाद के देता है।
 
* मनुष्य को सफल बनने के लिए पहले अपने विचारों को बदलना पड़ेगा।
 
* मेरा स्मारक बनाने के बदले जीवन में एक पेड़ लगा देना।
 
* हर गाँव आदर्श गांव हो, हर आदमी आत्मनिर्भर बने।
 
* भूख से कम भोजन खाये । मतलब रोज चार रोटी खाते हो तो तीन ही खाये। क्योंकि ज्यादा भोजन करने से शक्ति नहीं मिलती हैं। जो भोजन अच्छी तरह पच कर रस बन जाता है, वही काम आता है।
 
* प्रतिदिन एक घंटा श्रमदान जरूर करें।
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==स्वास्थ्य पर==
* भूख से कम भोजन खाये । मतलब रोज चार रोटी खाते हो तो तीन ही खाये। क्योंकि ज्यादा भोजन करने से शक्ति नहीं मिलती हैं। जो भोजन अच्छी तरह पच कर रस बन जाता है, वही काम आता है।
* अगर भारत के लोग बाहर शौच करने जाते, समय साथ में खुरपी ( गड्ढा खोदने का औजार ) भी लेकर जांय, और गड्ढा खोदकर उसमें मल त्यागें। इससे बहुत सारी बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं। वह मल भी खाद में बदल जाता हैं।
 
* प्राकृतिक चिकित्सा शरीर का कायाकल्प करने के लिए सबसे अच्छी चिकित्सा हैं। आप गायत्री परिवार की शक्तिपीठ ग्राम आँवलखेड़ा पर कम कीमत में करवा सकते हैं। खाना-पीना, रहना और भोजन मुफ्त हैं।
 
* मनुष्य के लिए अस्वाद भोजन ही सर्वश्रेष्ठ है। अस्वाद भोजन का मतलब बिना नमक, मिर्ची, शक्कर के बना भोजन।
 
* कोई भी खाने की चीज खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें। इससे आपके दाँत 100 साल तक टिके रहेंगे।
 
* आसनों और प्राणायाम का सुंदर योग आसन "प्रज्ञायोग" जरूर करें।
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* कहते हैं, योगी प्राणायाम से अपने मृत्यु को वश में कर देते हैं और जब तक चाहे, वो जिंदगी जी सकते हैं। प्राणायाम से शरीर की प्राण ऊर्जा बढ़ती हैं।
 
* अगर भारत के लोग बाहर शौच करने जाते, समय साथ में खुरपी ( गड्ढा खोदने का औजार ) भी लेकर जांय, और गड्ढा खोदकर उसमें मल त्यागें। इससे बहुत सारी बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं। वह मल भी खाद में बदल जाता हैं।
 
* जो लाभ गाय का घी खाने से मिलते हैं वही लाभ गाय के घी का दीपक जलाकर प्राणायाम करने से मिलते हैं।
 
* प्राकृतिक चिकित्सा शरीर का कायाकल्प करने के लिए सबसे अच्छी चिकित्सा हैं। आप गायत्री परिवार की शक्तिपीठ ग्राम आँवलखेड़ा पर कम कीमत में करवा सकते हैं। खाना-पीना, रहना और भोजन मुफ्त हैं।
 
* मनुष्य के लिए अस्वाद भोजन ही सर्वश्रेष्ठ है। अस्वाद भोजन का मतलब बिना नमक, मिर्ची, शक्कर के बना भोजन।
 
* संसार के सभी जीव-जन्तु , पशु-पक्षी अपना भोजन बिना मिलावट खाते हैं।
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* भोजन करने से पहले तीन बार गायत्री मंत्र का जप जरूर करे।
 
* कोई भी खाने की चीज खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें। इससे आपके दाँत 100 साल तक टिके रहेंगे।
 
* आत्मबोध की साधना और तत्त्वबोध की साधना जरूर करें। मतलब हर दिन जन्म और हर दिन मृत्यु।
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* विचारों के अन्दर बहुत बड़ी शक्ति होती है। विचार आदमी को गिरा सकतें है और विचार ही आदमी को उठा सकतें है, आदमी कुछ नहीं हैं।
 
* जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं, एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं, , दूसरे जो करते हैं पर सोचते नहीं।
 
* यदि आप अपने दैनिक जीवन और व्यवहार में निरन्तर जागरुक, सावधान रहें, छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें, सतर्क रहें, तो आप अपने निश्चित ध्येय की प्राप्ति में निरन्तर अग्रसर हो सकते हैं। सतर्क मनुष्य कभी गलती नहीं करता, असावधान नहीं रहता और कोई उसे दबा नहीं सकता।