"श्रीराम शर्मा": अवतरणों में अंतर

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* हमारी सामाजिक क्रांति का अर्थ देश में प्रचलित कुरीतियों को हटा देने मात्र तक सीमित नहीं रहना चाहिए, वरन एक सभ्य, सुरक्षित एवं सुसंस्कृत समाज की रचना होनी चाहिये। सज्जनता को जन-मानस का सहज स्वभाव बनाया जा सका तो आज की भयंकर दिखाई देने वाली कुरीतियाँ अनायास ही नष्ट हो जायेगी।
 
==गायत्री मंत्र पर==
* जिस भी मनुष्य ने गायत्री और यज्ञ को जीवन में उतार दिया। उसका जीवन सफल है।
 
* गायत्री मंत्र इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र हैं।
 
* जब भी थकान, मुसीबत में फँस गये हो, स्वर या मन में जप शुरू कर दो। उस समस्या का समाधान तुरन्त हो जायेगा।
 
* भोजन बनाते समय, आटा गूँथते समय गायत्री मंत्र जप करने से वह भोजन अमृत बन जाता हैं वह भोजन पोषित हो जाता हैं।
 
* लगातार एक माला गायत्री मंत्र जप प्रतिदिन करने से गलत कामो से ध्यान हटता हैं। शरीर को अत्यधिक खुशी मिलती हैं।
 
* लगातार 12 साल, एक माला गायत्री मंत्र जप प्रतिदिन करने से, उससे प्राप्त उर्जा और शक्ति को अपने अच्छे कर्म में लगाकर सिद्धि प्राप्त की जा सकती हैं। अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
 
* भारत के सभी महापुरुष, भगवान राम, कृष्ण, सभी ऋषि-मुनियों ने, अवतारी पुरुषो ने गायत्री मंत्र का जप किया है।
 
==स्वास्थ्य पर==
* अगर भारत के लोग बाहर शौच करने जाते, समय साथ में खुरपी ( गड्ढा खोदने का औजार ) भी लेकर जांय, और गड्ढा खोदकर उसमें मल त्यागें। इससे बहुत सारी बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं। वह मल भी खाद में बदल जाता हैं।
 
* आसनों और प्राणायाम का सुंदर योग आसन "प्रज्ञायोग" जरूर करें।
 
* आसन-प्राणायाम करने से हमारा शरीर हिलता-डुलता हैं जिससे शरीर में जमा सारी गंदगी कफ, सांस, और मल-मूत्र के द्वार से बाहर निकल जाती है।
 
* कहते हैं, योगी प्राणायाम से अपने मृत्यु को वश में कर देते हैं और जब तक चाहे, वो जिंदगी जी सकते हैं। प्राणायाम से शरीर की प्राण ऊर्जा बढ़ती हैं।
 
* जो लाभ गाय का घी खाने से मिलते हैं वही लाभ गाय के घी का दीपक जलाकर प्राणायाम करने से मिलते हैं।
 
* प्राकृतिक चिकित्सा शरीर का कायाकल्प करने के लिए सबसे अच्छी चिकित्सा हैं। आप गायत्री परिवार की शक्तिपीठ ग्राम आँवलखेड़ा पर कम कीमत में करवा सकते हैं। खाना-पीना, रहना और भोजन मुफ्त हैं।
 
* मनुष्य के लिए अस्वाद भोजन ही सर्वश्रेष्ठ है। अस्वाद भोजन का मतलब बिना नमक, मिर्ची, शक्कर के बना भोजन।
 
* संसार के सभी जीव-जन्तु , पशु-पक्षी अपना भोजन बिना मिलावट खाते हैं।
 
* यज्ञ इस पृथ्वी का सर्वश्रेष्ठ कर्म है क्योंकि इस से सभी को लाभ मिलता हैं।
 
* हमेशा पंचगव्य से निर्मित नहाने का साबुन इस्तेमाल करें।
 
* नियमित रूप से शुद्ध सरसो के तेल से पुरे शरीर पर मालिश करने से आँखों की दृष्टि तेज होती है। सभी अंग पुष्ट होते हैं।
 
* भोजन करने से पहले तीन बार गायत्री मंत्र का जप जरूर करे।
 
* कोई भी खाने की चीज खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें। इससे आपके दाँत 100 साल तक टिके रहेंगे।
 
* आत्मबोध की साधना और तत्त्वबोध की साधना जरूर करें। मतलब हर दिन जन्म और हर दिन मृत्यु।
 
* ऐसा कोई भी खाद्य-पर्दाथ जिस पर मख्खी बैठ गई है, वह खाना फेंक दो या बाहर जानवरों को खिला दो क्योंकि मख्खी को 'रोग की अम्मा' कहा जाता हैं।
 
==बाह्य सूत्र==