"तेनजिन ग्यात्सो": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति ९:
* खुशी अपने आप नहीं मिलती। और आपके अपने कर्मों से ही आती है।
* जब तक हम अपने आप से सुलह नहीं कर लेते तब तक हम दुनिया
* सहिष्णुता के अभ्यास में आपका शत्रु ही आपका सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है।
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