"तेनजिन ग्यात्सो": अवतरणों में अंतर

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* खुशी अपने आप नहीं मिलती। और आपके अपने कर्मों से ही आती है।
 
* जब तक हम अपने आप से सुलह नहीं कर लेते तब तक हम दुनिया सेभीसे भी कभी सुलह नहीं कर सकते।
 
* सहिष्णुता के अभ्यास में आपका शत्रु ही आपका सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है।