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पंक्ति ३८:
*काबुल गये मुगल बन आये, बोलन लागे वानी।आव-आव कर मर गये, खटिया तर रओ पानी।
*कोदन की रोटी, और कल्लू लुगाई।पानी के मइरे में, राम की का थराई
*कागज काला करना ( बिना मतलब कुछ लिखना)
===ख===
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